बदलता उत्तर प्रदेश : इजरायल तकनीक से यूपी में खेती, कन्नौज में  मृदा रहित पौधों से किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद

UPT | इजरायल तकनीक से यूपी में खेती

Jul 29, 2024 13:29

यह केंद्र भारत-इजराइल सहयोग का परिणाम है, जहां नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मृदा रहित पौधे तैयार किए जाते हैं। इस विशिष्ट प्रणाली का उपयोग करके, किसी भी मौसम में उच्च गुणवत्ता...

Short Highlights
  • कन्नौज में अत्याधुनिक कृषि केंद्र, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल नया अवसर लेकर आया है
  • इससे किसी भी मौसम में उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उगाए जा सकते हैं
Kannauj News : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में स्थित उमर्दा गांव में एक अत्याधुनिक कृषि केंद्र, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल, किसानों के लिए एक नया अवसर लेकर आया है। यह केंद्र भारत-इजराइल सहयोग का परिणाम है, जहां नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मृदा रहित पौधे तैयार किए जाते हैं। इस विशिष्ट प्रणाली का उपयोग करके, किसी भी मौसम में उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उगाए जा सकते हैं, जो पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक उत्पादक और रोग प्रतिरोधी होते हैं।

ऐसे तैयार होते हैं पौधे
इस केंद्र में पौधे तैयार करने की प्रक्रिया अत्यंत नवीन है। मिट्टी के स्थान पर, विशेष रूप से तैयार किए गए माध्यम का उपयोग किया जाता है, जिसमें तरियाल का बुरादा, लाइट और वर्मीकुलाइट का मिश्रण होता है। बीज बोने के लिए एक अर्ध-स्वचालित मशीन का उपयोग किया जाता है, जो एक घंटे में लगभग 10,000 बीजों को बो सकती है। यह प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक कुशल और विश्वसनीय भी है।

हाईटेक नर्सरी में रखे जाते हैं पौधे
अंकुरण के बाद, पौधों को एक हाई-टेक नर्सरी में स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह नर्सरी पूरी तरह से नियंत्रित वातावरण प्रदान करती है, जहां तापमान और आर्द्रता को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाता है। पौधों को जमीन से लगभग दो फुट रखा जाता है और स्वचालित सिंचाई प्रणाली द्वारा पानी दिया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग एक महीने तक चलती है, जिसके बाद पौधे रोपण के लिए तैयार हो जाते हैं।

एक रुपये की दर से मिलता है पौधा
इस सुविधा का एक महत्वपूर्ण पहलू इसकी किफायती प्रकृति है। किसान अपने स्वयं के बीज प्रदान करके प्रति पौधा केवल 1 रुपये की दर से पौधे प्राप्त कर सकते हैं। यदि केंद्र बीज प्रदान करता है, तो लागत प्रति पौधा 2 रुपये हो जाती है। किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार पौधे के लिए अग्रिम बुकिंग भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल की योजना बनाने में लचीलापन मिलता है।

क्या बोले उद्यान अधिकारी?
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी के अनुसार, इस केंद्र में उत्पादित पौधे न केवल कीट और रोग प्रतिरोधी हैं, बल्कि उच्च उत्पादकता भी प्रदान करते हैं। यह तकनीक किसानों को अपनी उपज और आय बढ़ाने में मदद कर सकती है। इस प्रकार के नवाचार उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख सकते हैं, जो किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और राज्य की कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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