UP Assembly By-Eection : टिकट मिलते ही फफक कर रो पड़ी नसीम सोलंकी, जनता से की अपील-दुआओं में याद रखना, अखिलेश ने दिया जीत का आशीर्वाद

UPT | नसीम सोलंकी

Oct 09, 2024 22:12

समाजवादी पार्टी ने सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। नसीम के नाम का एलान होते ही उनके उनके घर पर समाजवादी पार्टी के नेताओं का जमावड़ा लग गया। वहीं टिकट मिलते ही नसीम सोलंकी फफक कर रो पड़ी।

Short Highlights
  • सपा ने सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी को बनाया प्रत्याशी
  • टिकट मिलते ही फफक कर रो पड़ी नसीम सोलंकी
  • सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत संभालेगी इरफान की पत्नी
Kanpur News : यूपी के कानपुर से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। टिकट मिलते ही नसीम सोलंकी फफक कर रो पड़ी। टिकट की घोषणा होते ही समाजवादी पार्टी के विधायक, महानगर नगर अध्यक्ष समेत पार्टी पदाधिकारी उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए पहुंचे थे। नसीम सोलंकी ने कहा कि सोलंकी परिवार खुली किताब है, मेरी सीसामऊ की जनता से अपील है कि हमें दुआओं में याद रखना।

कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर सोलंकी परिवार का दबदबा रहा है। इरफान सोलंकी तीन बार सीसामऊ और दो बार आर्यनगर सीट से विधायक रह चुके हैं। वहीं इससे पहले इरफान के पिता और कानपुर के बड़े समाजसेवी हाजी मुश्ताक सोलंकी भी समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके हैं। हाजी मुश्ताक सोलंकी नेताजी मुलायम सिंह के करीबी थे, उन्होंने साईकिल से पार्टी का प्रचार प्रसार किया है।

बड़ी बहु संभालेगी राजनीतिक विरासत 
जानकारों का मानना है कि जब समाजवादी पार्टी का गठन हुआ था। उस वक्त हाजी मुश्ताक सोलंकी ने कानपुर में समाजवादी पार्टी का जमकर प्रचार प्रसार किया था। उन्होंने कानपुर में युवाओं को समाजवाद विचार धारा से जोड़ा था। सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने की जिम्मेदारी हाजी मुश्ताक सोलंकी की बड़ी बहु को मिली है।

अखिलेश ने जीत का आशीर्वाद 
नसीम सोलंकी ने बताया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार कानपुर में इतने वर्षों से खुली किताब की तरह रहा है। क्षेत्र की जनता सब जानती है, उसे कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। हमारे परिवार के साथ कैसा बर्ताव किया गया है। सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी जाजमऊ आगजनी मामले में दोषी करार दिए गए हैं। उन्हें कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी, जिसकी वजह से उनकी विधायकी चली गई।

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