तड़पकर खत्म हुआ पूरा परिवार : सराफा कारोबारी ने नींद की गोलियां देने के बाद बीवी-बच्चों का रस्सी से गला घोंटा, पहली पत्नी को भी दी थी 'मुक्ति'

UPT | सराफा कारोबारी का परिवार

Nov 13, 2024 20:11

सराफा कारोबारी ने पत्नी की सहमति से पूरे परिवार की हत्या कर दी, इसके बाद खुद भी जान देने की कोशिश की। पत्नी खुद और फिर तीनों बच्चों को नींद की गोलियां देकर बेसुध कर दिया। इसके बाद कारोबारी ने एक-एक कर सभी का रस्सी से गला घोंट दिया। जब कारोबारी खुद सुसाइड करने लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंचा तो उसे जीआरपी ने बचा लिया।

Short Highlights
  • बच्चों को तड़पता देख पत्नी बोली-पहले मुझे मार दो
  • सभी दी गईं थी ओवर डोज नींद की दवा, बेसुध कर की गई हत्या
  • पूरे दिन पत्नी और बच्चों की लाश के साथ रहा कारोबारी
  • बच्चों के सिर पर हाथ फेरकर कहा-अकेले नहीं जा सकता
Etawah News : यूपी के इटावा में एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई थी। सराफा कारोबारी ने सोमवार सुबह लगभग पांच बजे पूरे परिवार को नींद की गोलियां खिलाकर बेसुध किया। इसके बाद एक-एक कर पत्नी और तीनों बच्चों की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद सोमवार देर शाम खुद ट्रेन से कटकर सुसाइड करने पहुंचा था। लेकिन जीआरपी ने उसे बचा लिया। कारोबारी ने पत्नी संग मिलकर मौत का प्लान तैयार किया था। हत्यारोपी के साले की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है।

कोतवाली क्षेत्र के लालपुरा निवासी मुकेश वर्मा (51) ने पूरे परिवार की हत्या कर दी। पुलिस की पूछताछ में मुकेश ने बताया कि पारिवारिक कलह और लेनदेन की वजह से दो साल से परेशान चल रहा था। कुछ पारिवारिक सदस्यों ने उससे 15 लाख रूपए हड़प लिए। साझे की जमीन को लेकर भी प्रताड़ित कर रहे थे। इसे लेकर करवाचौथ से पहले पत्नी से जान देने की बात कही थी। 

हत्या के बाद लगाया था स्टेटस 
पत्नी रेखा ने समझाते हुए कहा था कि अकेले क्यों मरोगे, हम सब भी साथ मरेंगे। पत्नी के समझाने पर फैसला बदल दिया था। पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद 8:20 पर पत्नी और बेटी के फोन पर स्टेटस लगाया था कि यह सब खत्म हो गया। इसके बाद सीओ सिटी के सीयूजी नंबर पर सुसाइड नोट और यह सब खत्म हो गया का मैसेज भेजा था। सुसाइड नोट में परिवार और खुद के मारने की बात लिखी थी।

पहली पत्नी को भी दी मुक्ति 
मुकेश सोमवार रात लगभग 09 बजे स्टेशन के पास मरुधर एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश की। आरोपी ने बताया कि 2004 में पहली पत्नी नीतू कैंसर से पीड़ित थी। उसे नींद की गोलियां देकर मुक्ति देदी थी। पहली पत्नी नीतू से बड़ी बेटी भाव्या थी। भाव्या डीयू में पढ़ती थी। रविवार को उसे दिल्ली जाना था, लेकिन प्लानिंग के तहत उसे रोक लिया गया था। भाव्या दीपावली में घर आई थी।

पत्नी बोली पहले मुझे मार दो, बच्चों को तड़पता नहीं देख पाऊंगी 
रविवार को पूरा परिवार एक साथ था। मुकेश ने पत्नी से एक बार फिर मरने की इच्छा जताई। उसने सब के साथ मरने की बात कही। रेखा ने मुकेश से कहा कि मुझे पहले मार देना, बच्चों को तड़पते हुए नहीं देख पाऊंगी। रेखा ने सोमवार सुबह पांच बजे पानी में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी। सभी के मुंह से झाग आने लगा और बेसुध होने लगे।

बच्चों की तकलीफ देख फांसी लगाने की कोशिश 
बच्चों की तकलीफ देखकर रेखा ने जान फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। लेकिन बेसुध होने की वजह से फंदे से झूल नहीं सकी।बच्चों की तकलीफ देख पत्नी के कहने पर सबसे पहले उसी का गला कसकर मार डाला। इसके बाद बेसुध बच्चों का एक-एक कर गला घोंटकर मौत की नींद सुला दी।

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