Kanpur News : 1700 वर्ष पुराना है ये बारा देवी का मंदिर, चुनरी बांधकर पूरी होती है सभी मन्नतें

UPT | बारादेवी मंदिर

Oct 03, 2024 01:00

कानपुर शहर के बीचों बीच जूही में मां बारादेवी का मंदिर बना हुआ है। जहां पूरे साल भक्तों की भीड़ बनी रहती है। साल में पड़ने वाले दो नवरात्रों में यहां लाखों की तादाद में भीड़ दर्शन करने आती है।कहते है यह मंदिर काफी प्राचीन है और 1700 वर्ष पुराना है।ऐसा माना जाता है कि मंदिर में चुनरी बांधकर भक्तों की सभी मन्नते पूरी होती है।

Kanpur News : कानपुर शहर के बीचों बीच जूही में माँ बारादेवी का मंदिर बना हुआ है। जहां पूरे साल भक्तों की भीड़ बनी रहती है। साल में पड़ने वाले दो नवरात्रों में यहां लाखों की तादाद में भीड़ दर्शन करने आती है।इस मंदिर की लोगो की बीच मे काफी मान्यता है।रोजाना इस मंदिर में हजारों भक्त मंदिर में दर्शन करते है।लेकिन नवरात्रों में दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या लाखो के तादाद में हो जाती है।

1700 वर्ष पुराना है बारा देवी मंदिर
वही इस मंदिर के इतिहास की बात करे यो इस मंदिर का इतिहास करीब 1700 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर स्थल के आस पास हजारों की संख्या में दुकानें लगती है। और नवरात्र के समय काफी पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहता है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर को होने जा रही है। 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ नवरात्रि समाप्त हो जायेगी। वहीं दुर्गा पंडालों में रखी जाने वाली मां की मूर्ति को दशमी के दिन विसर्जन के साथ शाम को रावन दहन किया जाएगा।

मंदिर की प्रबंधक ने दी जानकारी
बारा देवी मंदिर के इतिहास को लेकर मंदिर की प्रबंधक रूपम में बताया कि कानपुर में स्थित मां बारा देवी मंदिर बेहद पुराना और चमत्कारिक मंदिर है। यह मंदिर लगभग 1700 वर्ष पुराना मंदिर है।इस मंदिर को लेकर यह कहानी है कि पिता से अनबन के बाद यहां पर 12 बहने आकर रहने लगी थी और वह पत्थर की बन गई तब से यह मंदिर पूजा जाने लगा। पिता से हुई अनबन और उनके कोप से बचने के लिए यह सब बहने घर से निकल आई थी। वहीं बहनों के श्राप देने की वजह से उनके पिता भी पत्थर के रूप में हो गए।तब से यहां पर भक्तों की भीड़ लगने लगी इस इलाके का नाम भी बारा देवी पड़ गया।

मन्नत मांगकर बांधी जाती है चुनरी
वही उन्होंने बताया की तब इस मंदिर में बहुत बड़ा हर वर्ष मेला लगता है और लाखो को तादात में भक्त यहाँ दर्शन करने के लिए आते है। वही जो लोग इस मंदिर में मन्नत मांगते है वह भी पूरी होती है।कुछ भक्त ऐसे भी है जो चैत की नवरात्रि पर मन्नत पूरी होने पर स्वांग और सुई लगवाकर पैदल मंदिर तक आते है। रूपम ने बताया कि बारा देवी मंदिर की सबसे खास बात यह है कि भक्त अपनी मनोकामना मानकर चुनरी बांधता है। नवरात्र में सुबह से ही इस मंदिर पर लोगों की भीड़ लग जाती है। वहीं मुरादे पूरी होने के बाद भक्त यहां पर मां का श्रृंगार करते हैं।

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