पीडीए की एकता के आगे सरकार को लेटरल एंट्री का फैसला लेना पड़ा वापस : अखिलेश यादव बोले-आंदोलन स्थगित

UPT | सपा मुखिया अखिलेश यादव।

Aug 20, 2024 17:30

अखिलेश यादव ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाजे से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की एकता के आगे झुक गयी है।

Lucknow News : समाजवादी पार्टी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती के विरोध में अपना आंदोलन स्थगित करने का निर्णय किया है। पार्टी ने केंद्र सरकार के इस फैसल के विरोध में 2 अक्टूबर से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन अब सरकार ने कदम वापस खींच लिए हैं। इसलिए सपा ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।   

भाजपा के षड्यंत्र अब नहीं हो पा रहे कामयाब
उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाजे से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।

भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को नहीं होने देगी कामयाब
अखिलेश यादव ने कहा कि इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरजोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है। लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।

सपा नहीं चलने देगी भाजपा का दलित पिछड़ा विरोधी रवैया
समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया कि सपा अध्यक्ष और लोकसभा में सपा संसदीय दल के नेता अखिलेश यादव ने लेटरल एंट्री का विरोध करते हुए जनांदोलन का आह्वान किया था। सपा समेत सम्पूर्ण विपक्ष के विरोध के बाद डरी हुई भाजपा सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। ये पीडीए की जीत है और अखिलेश यादव के पीडीए से डरी हारी भाजपा का दलित पिछड़ा विरोधी रवैया सपा नहीं चलने देगी ये तय है।

लेटरल एंट्री वाली भर्ती का विज्ञापन रद्द
दरअसल केंद्र सरकार ने देश की शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर लेटरल एंट्री से भर्ती वाले विज्ञापन को रद्द कर दिया है। विपक्ष की ओर से इस भर्ती पर सवाल उठाए गए थे और इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बताया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की चेयरमैन प्रीति सुदन को पत्र लिखकर यह भर्ती रद्द करने को कहा है। इस पत्र में जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नरेंद्र का दृढ़ निश्चय है कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के तहत ही लेटरल एंट्री वाली भर्ती भी होनी चाहिए। खासतौर पर देश में आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

Also Read