ऑथर Deepak Yadav

BBAU : विक्टर ने कहा- शोधकर्ता को अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने के लिए अपने निष्कर्ष प्रकाशित करना जरूरी

UPT | अंबेडकर विश्वविद्यालय कार्यशाला

Aug 03, 2024 00:13

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय बीबीएयू में शुक्रवार को पर्यावरण विज्ञान विभाग की ओर से "वर्तमान समय में शोध प्रकाशन- लाइफ साइंस‌ प्रोग्राम" कार्यशाला आयोजित की गई।

Lucknow News : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय बीबीएयू में शुक्रवार को पर्यावरण विज्ञान विभाग की ओर से "वर्तमान समय में शोध प्रकाशन- लाइफ साइंस‌ प्रोग्राम" कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस विक्टर बाबू ने कहा कि एक शोधकर्ता के लिए अपने निष्कर्षों को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करने के लिए पत्रिकाओं में प्रकाशित करना बहुत जरूरी है। क्योंकि यह उनके शोध कार्यों और अकादमिक भविष्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं युवा शोधकर्ताओं, विशेष रूप से पीएचडी शोधार्थियों को उच्च स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशन पर नवीनतम अपडेट और शीर्ष प्रकाशकों के लिए शोध पत्र या पुस्तक लिखने के बारे में जानने में मदद करती हैं।

कॉपीराइट उल्लंघन की दी जानकारी
पर्यावरण विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शिखा ने साहित्यिक चोरी और कॉपीराइट उल्लंघन के विषय में विस्तृत जानकारी दी‌। साथ ही डॉ. सांची भीमराजका और नूपुर वर्मा ने ही हाल ही के दिनों में हुए शोध प्रकाशनों पर प्रस्तुतियां दीं और शोध पत्र और किताबें लिखने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका के बारे में बताया। कार्यशाला के अंत में एक इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें शोध पत्रों और पुस्तकों के प्रकाशन के संबंध में पूछे गए सवालों के उत्तर दिए गए। इस दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे। 

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