महाराष्ट्र में गाय 'राज्य माता' घोषित : अपर्णा यादव बोलीं- यूपी में गायों के लिए अच्छी व्यवस्था, विपक्ष सही मुद्दों पर उठाए सवाल 

UPT | अपर्णा यादव ने गाय को 'राज्य माता' का दर्जा देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का किया स्वागत।

Oct 01, 2024 16:40

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भाजप नेता अपर्णा यादव ने गाय को 'राज्य माता' का दर्जा देने के महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

Lucknow News : राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भाजप नेता अपर्णा यादव ने गाय को 'राज्य माता' का दर्जा देने के महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी गायों की बहुत अच्छी देख-रेख हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गायों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। सरकार ने गायों की देखभाल के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। यहां तक गाय के गोबर का उचित इस्तेमाल हो रहा है।

विपक्ष को सही मुद्दों पर उठाना चाहिए सवाल
राजधानी में मंगलवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुईं अपर्णा यादव ने आवारा पशुओं को लेकर विपक्ष की तरफ से लगातार सवाल उठाए जाने पर कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है। विपक्ष का कार्य लोकतंत्र में सवाल उठाना है, लेकिन उन्हें सही मुद्दों पर सवाल उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है और सबको दूध देती है। चाहे वह हिन्दू हो मुसलमान हो, सिख या फिर ईसाई। सभी लोग गाय के दूध से बने उत्पादों का सेवन करते हैं। 



अमेरिका ने गाय बताया जीवनदायिनी
अपर्णा यादव ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय के साथ उसके गोबर और मूत्र को भी पवित्र माना जाता है। पीएम मोदी के प्रयास से विश्व स्तर पर इसे सहस्र स्वीकारिता मिली है। महाराष्ट सरकार ने भी इसे अपनाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने गाय को जीवनदायिनी बताया है। गौ वंश के लिए कहा है कि जो भी गाय दे रही है वह अमृत के समान है। विपक्ष को भी इसे स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा गोरक्षक के रूप में उभरी है। मुझे लगता है कि सभी के लिए गोवंश बहुत जरूरी है।

शिंदे सरकार के फैसले को माना जा रहा सियासी दांव
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को गाय को 'राज्यमाता' का दर्ज देने का आदेश जारी किया है। बता दें कि, गाय राज्य माता घोषित करने की मांग को लेकर काफी समय से आंदोलन चल रहा था। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान जल्द होने वाला है और ऐसे में शिंदे सरकार के इस फैसले को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।  
 

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