बीएल संतोष की खरी-खरी : उपचुनाव में सिफारिश नहीं इस आधार पर मिलेगा टिकट, अब नहीं दोहराएंगे ये गलती

UPT | बीएल संतोष आयोजित बैठक में चर्चा करते हुए।

Jul 08, 2024 02:03

अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में बीएल संतोष नहीं चाहते कि उपचुनाव में वह गलती दोहराई जाए, जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़े। इसलिए सिफारिश पर टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है।

Short Highlights
  • नेताओं को खुश करने के लिए टिकट या पद नहीं देगी भाजपा
  • लोकसभा चुनाव में अपने बने हार की वजह, उपचुनाव को लेकर नई रणनीति पर काम
Lucknow News :  लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से चौंकाने वाले नतीजे सामने आने के बाद भाजपा विधानसभा उपचुनाव को लेकर बेहद सतर्क हो गई है। पार्टी ने जहां लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की हार की विभिन्न स्तर पर समीक्षा की है, वहीं इसमें निकलकर सामने आए बिंदुओं के बाद उपचुनाव में ऐसी गल्ती नहीं दोहराने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष की मौजूदगी में कोर कमेटी की बैठक में इसे लेकर गहन चर्चा हुई। बैठक में भाजपा संगठन और सरकार दोनों के स्तर पर उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य बनाया गया हैै, जिससे 2027 के मद्देनजर पार्टी के पक्ष में मजबूत संदेश जा सके।  

लोकसभा चुनाव में कई स्तर पर खामियों के कारण मिली हार
उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन पर शीर्ष नेतृत्व नतीजे आने के बाद से ही बेहद गंभीर है। भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की एक वजह यूपी में उसका लचर प्रदर्शन भी रहा। कई सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में लापरवाही हुई, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई, प्रत्याशी के जनविरोध को नजरअंदाज किया गया। इसके अलावा टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने असहयोग का रवैया अपनाया। वहीं कई जगह विधायक भी निष्क्रिय रहे तो प्रत्याशी भी अपने अहंकार में सभी को साथ लेकर नहीं चले।   

सिफारिश पर टिकट नहीं देगी भाजपा
अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में बीएल संतोष नहीं चाहते कि उपचुनाव में वह गलती दोहराई जाए, जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़े। इसलिए सिफारिश पर टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है। सिर्फ नेताओं को खुश करने या उनकी बात रखने के लिए टिकट या पद नहीं दिया जाएगा। हर सीट पर उम्मीदवार तय करते समय पार्टी इस बात को अच्छी तरह परखेगी कि उम्मीदवार की धरातल पर क्या स्थिति है, वह पार्टी के साथ अपने दम पर चुनाव जीतने में सक्षम है या नहीं। इसके अलावा स्थानीय समीकरण और जातीय समीकरण को लेकर क्या माहौल है।

वोट बैंक खिसकने पर अलग से रणनीति पर होगा काम
कोर कमेटी की बैठक में जातीय समीकरणों के लिहाज से भाजपा प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में मिले वोट पर भी चर्चा की गई। इस दौरान गैर जाटव दलित और गैर यादव पिछड़ी जाति का इस बार समर्थन नहीं मिलने पर गहन विचार विमर्श किया गया। इन जातियों के वोटबैंक खिसकने से भाजपा को झटका लगा और इसका सीधा फायदा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने उठाया। बीएल संतोष ने इसे लेकर नेताओं से उनकी राय जानी। बताया जा रहा है कि पार्टी अब इस पर अलग से कार्ययोजना तैयार कर काम करेगी।  

कार्यसमिति की बैठक 14 जुलाई को 
राजधानी में भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 14 जुलाई को है। कोर कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई। इसके साथ ही उपचुनाव के दौरान और उसके बाद जनता के बीच उनके मुद्दों को समझने, लोगों की समस्याएं जानने, विभिन्न स्तर पर लोगों को जोड़ने, फीडबैक लेने सहित अन्य कार्यक्रमों को लेकर कार्ययोजना तैयार करने पर चर्चा की गई।

कार्यसमिति की बैठक में लिए फैसलों पर बनेगी रणनीति
लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश कार्यसमिति की बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसमें लिए फैसले के आधार पर अब आगे की रणनीति और पूरा कार्यक्रम तय किया जाएगा बीएल संतोष ने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति बैठक में संगठनात्मक कार्ययोजना को रखा जाएगा। इसके आधार पर भी प्रदेश सभी कार्यक्रम संचालित होंगे। संगठन के विस्तार का काम लगातार जारी रहेगा। साथ ही उपचुनाव के नतीजे पूरी तरह से अपने पक्ष में करने के लिए जमीन पर सभी एकजुट होकर काम करेंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

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