Lucknow News : किसानों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की

UPT | अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते किसान

Jul 22, 2024 21:09

अपनी मांगों को लेकर सोमवार को गन्ना संस्थान में एकत्रित हुए सैकड़ों किसान दोपहर बाद सड़क पर उतर आए। मुख्यमंत्री से वार्ता न होने से नाराज किसानों ने तीन बजे सीएम आवास की ओर कूच कर दिया। पुलिस ने रोका तो किसान सड़क पर बैठ गए।

Short Highlights
  • मुख्य सचिव से मुलाकात का समय मिलने पर शांत हुए किसान
  • विभिन्न मांगों को लेकर गन्ना संस्थान में एकत्रित हुए सैकड़ों किसान
Lucknow News : अपनी मांगों को लेकर सोमवार को गन्ना संस्थान में एकत्रित हुए सैकड़ों किसान दोपहर बाद सड़क पर उतर आए। मुख्यमंत्री से वार्ता न होने से नाराज किसानों ने तीन बजे सीएम आवास की ओर कूच कर दिया। पुलिस ने रोका तो किसान सड़क पर बैठ गए। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में मुख्य सचिव से मुलाकात का समय मिलने पर किसान वापस गन्ना संस्थान चले गए।

किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की
गन्ना के बकाया भुगतान समेत कई मांगों को लेकर किसान सुबह से राजधानी में जुटने लगे। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर आए किसानों ने गन्ना संस्थान में डेरा डाल दिया। दोपहर 2 बजे तक गन्ना संस्थान का परिसर किसानों से पूरी तरह भर गया। इतनी भारी संख्या में किसानों को देख पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन हरिनाम गुट की किसान पंचायत हुई। जिसमें किसान नेताओं ने सरकार पर किसानों की मांगों को नजरअंदाज करने की बात कही और मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए अड़ गए। दोपहर 1.30 बजे तक जब अधिकारियों से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो नाराज किसानों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर दिया। किसानों ने करीब एक घंटे तक सड़क जाम रखी। इस बीच 31 जुलाई को मुख्य सचिव से मुलाकात का समय मिलने पर किसान सड़क खाली कर गन्ना संस्थान चले गए।

किसानों की मांगों पर सरकार उठाए ठोस कदम
भाकियू के अध्यक्ष हरिनाम सिंह ने कि कहा कि गन्ना किसानों का बकाया भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है। गन्ना का रेट 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने पर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। बाढ़ ग्रस्त जिलों में किसानों को राहत समूचित राहत नहीं दी जा रही है। मुफ्त बिजली से भी किसानों को वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि  सरकार को किसानों की सभी मांगों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। 

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