UP Politics : नौ सीटों पर डेढ़ लाख वोट को तरस गई बसपा, मायावती का ये फैसला साबित हो सकता है आत्मघाती

UPT | Mayawati

Nov 24, 2024 17:45

बसपा की हालत अब कांग्रेस की तरह होती जा रही है। धरातल पर संगठन का अभाव और महज चुनाव के दौरान बड़े नेताओं की सक्रियता की वजह से पार्टी यूपी की सत्ता से बाहर हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में अमेठी और रायबरेली की जीत के पीछे सपा की दोस्ती और स्थानीय समीकरण अहम वजह रहे। विधानसभा चुनाव में रामपुर खास सीट पर आराधना मिश्रा 'मोना मिश्रा' की जीत की वजह भी उनके पिता प्रमोद तिवारी का प्रभाव रहा है। वरना कांग्रेस एक सीट को तरस जाए

Lucknow News : यूपी विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष ने इनकी निष्पक्षता पर कई सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सवाल उठाकर निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया। अखिलेश यादव ने कुंदरकी में लोकतंत्र के चीरहरण के आरोप तक लगा डाले और ईवीएम के जरिए नए जमाने की बूथ कैप्चरिंग करने की बात कही। उपचुनाव में विभिन्न दलों को मिले वोट की बात करें तो भाजपा सबसे अधिक 778344 मत हासिल करने में सफल रही। इसके बाद समाजवादी पार्टी को 551865 मत और राष्ट्रीय लोक दल को 84304 और बहुजन समाज पार्टी को 135183 मत मिले।

उपचुनाव में बसपा को सबसे ज्यादा नुकसान
उपचुनाव में जीती हुई सीटों की बात करें तो भाजपा को छह सीटों पर कुल 627315 वोट मिले हैं। वहीं समाजवादी पार्टी दो सीटों पर 174018 मत और रालोद एकमात्र सीट पर 84304 मत हासिल कर सकी है। इस तरह उपचुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान बहुजन समाज पार्टी का हुआ है। सभी नौ सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद भी उसके प्रत्याशी डेढ़ लाख वोट भी नहीं जुटा पाए। मायावती इसके लिए भले ही निर्वाचन आयोग सहित अपने विरोधी दलों पर निशाना साधें लेकिन, सच्चाई यही है कि धरातल पर रणनीति के अभाव में उनके प्रत्याशी सात सीटों पर अपनी जमानत तक बचाने में असफल रहे।



उपचुनाव से दूरी मर्ज का इलाज नहीं
इस पर भी उनका एक बा​र फिर उपचुनाव से दूर रहने का ऐलान कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने वाला माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मायावती ने ये निर्णय यूपी सहित उन राज्यों के लिए किया है, जहां वह चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारती रही हैं, क्योंकि उन्होंने सवाल केंद्रीय निर्वाचन आयोग पर उठाए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक चुनाव से दूर रहना किसी भी सियासी दल के लिए आत्मघाती निर्णय होता है। यूपी में अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव तकनीकी कारणों से नहीं घोषित किया जा सके। इसके अलावा फिलहाल उपचुनाव का कोई कार्यक्रम नहीं है। फिर भी जिस तरह से बसपा सुप्रीमो ने उपचुनाव से किनारा करने की बात कही, उससे उनके मतदाताओं के बीच सही संदेश नहीं जाएगा। जबकि समाजवादी पार्टी भी ईवीएम और निर्वाचन आयोग से लेकर सत्तापक्ष पर कई सवाल खड़े करने के बावजूद उपचुनाव से कभी किनारा नहीं करती। इस बार भी पार्टी को दो सीटों का नुकसान जरूर हुआ, लेकिन वह दो सीटें जीतने में सफल हुई है। 

बसपा का वोटबैंक दूसरे दलों में हो रहा शिफ्ट
चुनाव दर चुनाव अपनी सिकुड़ती जमीन को बचान के लिए मायावती को नई और प्रभावी रणनीति की दरकार है। ऐसे में इससे किनारा करने से उनके वोटबैंक के दूसरे दलों में चले जाने की संभावना होगी। जनता के बीच से नदारद रहने का खामियाजा बसपा को लगातार उठाना पड़ रहा है। मुस्लिम मतदाताओं ने उससे दूरी बना ली है और भाजपा उसका दलित वोट बैंक अपने पाले में करने में कामयाब हो रही है। ऐसे में महज सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर सियासी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा। 

कांग्रेस की तरह हो गई बसपा की हालत
बसपा की हालत अब कांग्रेस की तरह होती जा रही है। धरातल पर संगठन का अभाव और महज चुनाव के दौरान बड़े नेताओं की सक्रियता की वजह से पार्टी यूपी की सत्ता से बाहर हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में अमेठी और रायबरेली की जीत के पीछे सपा की दोस्ती और स्थानीय समीकरण अहम वजह रहे। विधानसभा चुनाव में रामपुर खास सीट पर आराधना मिश्रा 'मोना मिश्रा' की जीत की वजह भी उनके पिता प्रमोद तिवारी का प्रभाव रहा है। वरना कांग्रेस एक सीट को तरस जाए। ऐसे में अपनी सियासी रणनीति में वक्त के मुताबिक बदलाव नहीं करना बसपा को और भारी पड़ सकता है। 

विधानसभा उपचुनाव में नौ सीटों पर भाजपा, सपा और बसपा का प्रदर्शन

सीसामऊ : 
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी- 69714 वोट
भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी- 61150 वोट
बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार- 1410 (-68304) वोट 

कटेहरी : 
भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद- 104091 वोट
सपा प्रत्याशी शोभवती वर्मा- 69577 वोट
बसपा प्रत्याशी अमित वर्मा- 41647 (-62444) वोट 

फूलपुर :  
भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल- 78289 वोट
सपा प्रत्याशी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी- 66984 वोट
बसपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार सिंह-  20342 (-57947) वोट

मझवां : 
भाजपा प्रत्याशी सुष्मिता मौर्य- 77737 वोट
सपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति बिंद- 72815 वोट
बसपा प्रत्याशी दीपक तिवारी- 34927 (-42810) वोट 

मीरापुर : 
रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल- 84304 वोट
सपा प्रत्याशी संबुल राणा- 53508 वोट 
बसपा प्रत्याशी- 3248 (-81056) वोट 

कुंदरकी : 
भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह- 170371 वोट
सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान- 25580 वोट 
बसपा प्रत्याशी रफतउल्ला- 1099 (-169272) वोट 

करहल : 
सपा प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह- 104304 वोट
भाजपा प्रत्याशी अनुजेश प्रताप सिंह- 89579 वोट
बसपा प्रत्याशी अविनाश कुमार शाक्य- 8409 (-95895) वोट 

खैर : 
भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर- 100181 वोट
सपा प्रत्याशी चारू कैन- 61788 वोट
बसपा प्रत्याशी पहल सिंह- 13365 (-86816) वोट

गाजियाबाद :  
भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा- 96946 वोट
सपा प्रत्याशी सिंह राज जाटव- 27595 वोट
बसपा पार्टी प्रत्याशी परमानंद गर्ग- 10736 (-86210) वोट 

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