कैग रिपोर्ट : यूपी के कई सरकारी आयोजन घाटे में, आवास विकास ने खजाने में भरे 5000 करोड़ रुपये

UPT | नोएडा मेट्रो

Aug 08, 2024 12:44

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 के वित्तीय प्रदर्शन पर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और नोएडा मेट्रो को करोड़ रुपये का घाटा हुआ है...

Lucknow News : भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 के वित्तीय प्रदर्शन पर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी उपक्रमों में कुछ ने मुनाफा कमाया है, जबकि अधिकांश घाटे में रहे।

आवास विकास और वन निगम ने कमाया मुनाफा
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि आवास विकास ने वर्ष 2022-23 में 5000 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में भरे। इसके अलावा, वन निगम ने भी 1100 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह दोनों संस्थान प्रदेश के लिए आर्थिक सहारा बने हुए हैं।

यूपी मेट्रो और नोएडा मेट्रो भारी घाटे में
रिपोर्ट में यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और नोएडा मेट्रो के वित्तीय स्थिति के बारे में बताया गया है। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को 1362 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और इस पर 10193 करोड़ रुपये का कर्ज है। नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन 385 करोड़ रुपये के घाटे में है और इस पर 914 करोड़ रुपये का कर्ज है।

ये भी पढ़ें : Agra News : पुलिस का अनूठा अभियान, चौराहों पर भीख मांगने पर पाबंदी, जानें पूरा प्लान... 

स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का प्रदर्शन
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की स्थिति भी निराशाजनक है। वाराणसी और सहारनपुर को छोड़कर सभी स्मार्ट सिटी घाटे में हैं। अलीगढ़ स्मार्ट सिटी 206 करोड़ रुपये, प्रयागराज स्मार्ट सिटी 66 लाख रुपये, मुरादाबाद स्मार्ट सिटी 8 करोड़ रुपये, कानपुर स्मार्ट सिटी 1.5 करोड़ रुपये और लखनऊ स्मार्ट सिटी 11 करोड़ रुपये के घाटे में है। केवल सहारनपुर स्मार्ट सिटी ने 26 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।

इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ यूपी घाटे में
प्रदेशीय इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ यूपी (पिकप) 376 करोड़ रुपये के घाटे में है और इस पर 995 करोड़ रुपये का कर्ज है। इलाहाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस 16 करोड़ रुपये से ज्यादा घाटे में है। राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम 761 करोड़ रुपये के घाटे में है, जबकि राज्य चीनी निगम 156 करोड़ रुपये के घाटे में है। स्टेट हैंडलूम कॉर्पोरेशन 85 करोड़ रुपये और स्टेट स्पिनिंग मिल कॉर्पोरेशन 275 करोड़ रुपये के घाटे में है।

Also Read