कैपिटल गेन टैक्स हेराफेरी : आयकर विभाग की 148 कंपनियों से 12000 करोड़ वसूलने की तैयारी, जानें पूरा मामला

UPT | Income Tax Department

Jan 04, 2025 15:16

आयकर विभाग ने पिछले महीने मुंबई, लखनऊ, नोएडा, बरेली और हरदोई में कंपनी के 25 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 5 करोड़ रुपये नकद, संपत्ति में निवेश से जुड़े दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। विभाग ने कंपनी के निदेशक आनंद स्वरूप अग्रवाल और विशाल स्वरूप अग्रवाल समेत कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए।

Lucknow News : आयकर विभाग ने देशभर की 148 कंपनियों के खिलाफ 12,000 करोड़ रुपये की वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। इन कंपनियों ने कैपिटल गेन टैक्स के नाम पर पहले टैक्स जमा किया और फिर टीडीएस का दावा कर राशि वापस ले ली। लखनऊ स्थित इंडियन पेस्टीसाइड लिमिटेड (आईपीएल) कंपनी भी इस हेराफेरी में शामिल है।

लखनऊ की कंपनी पर 300 करोड़ का बकाया
आईपीएल कंपनी ने तीन साल पहले आईपीओ के माध्यम से 700 करोड़ रुपये जुटाए थे और 100 करोड़ रुपये कैपिटल गेन टैक्स के रूप में जमा किए। बाद में कंपनी ने टीडीएस का दावा कर यह राशि वापस ले ली। जांच में यह अनियमितता साबित होने के बाद आयकर विभाग ने कंपनी पर 300 करोड़ रुपये की वसूली की योजना बनाई है।


25 ठिकानों पर छापेमारी में मिले अहम दस्तावेज
पिछले महीने आयकर विभाग ने मुंबई, लखनऊ, नोएडा, बरेली और हरदोई में कंपनी के 25 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 5 करोड़ रुपये नकद, संपत्ति में निवेश से जुड़े दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। विभाग ने कंपनी के निदेशक आनंद स्वरूप अग्रवाल और विशाल स्वरूप अग्रवाल समेत कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए।

कैसे हुई हेराफेरी की पुष्टि?
आयकर विभाग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी ने कैपिटल गेन टैक्स जमा करने के बाद टीडीएस के माध्यम से राशि वापस ली। कंपनी के संचालकों ने जांच के दौरान इस बात को स्वीकार किया। इसके बाद जुर्माने और ब्याज सहित वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई।

देशभर में 148 कंपनियां जांच के दायरे में
आईपीएल के साथ-साथ देशभर की 148 अन्य कंपनियां भी आयकर विभाग की नजर में हैं। इन कंपनियों के खिलाफ टैक्स हेराफेरी के पुख्ता सबूत मिले हैं। विभाग अब इन कंपनियों से 12,000 करोड़ रुपये की वसूली करेगा। आयकर विभाग ने यह कार्रवाई कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि टैक्स से जुड़ी कोई भी हेराफेरी न हो। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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