लखनऊ में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी : एसटीएफ ने गिरोह के सरगना समेत दो को दबोचा 

Uttar pradesh times | सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपी

Jan 27, 2024 16:24

पकड़े गए आरोपी सरकारी संस्था के नाम पर ऑफिस खोलकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, दो कार, 100 ग्राम विकास सहकारी समिति से संबंधित आवेदन पत्र की प्रति व अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। 

Lucknow News : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सरकारी संस्था के नाम पर ऑफिस खोलकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, दो कार, 100 ग्राम विकास सहकारी समिति से संबंधित आवेदन पत्र की प्रति व अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। 

फर्जी संस्था को सरकारी बताकर की ठगी 
यूपी एसटीएफ ने 26 जनवरी की शाम दुर्गा टावर के पास विभूतिखंड से सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गिरोह के सरगना भानु प्रताप सिंह और सतेन्द्र कुमार पाठक के रूप में हुई है। पकड़े गए आरोपियों ने ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लि. लखनऊ(उ.प्र.) के नाम से फर्जी संस्था खोल रखी थी। आरोपियों ने इस संस्था का सरकारी विभाग बना रखा था। आरोपी इसके जरिए भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी करते थे। 

खुद को बताता था सरकार का अधिकारी 
गिरोह का सरगना भानु खुद को भारत सरकार का उच्च अधिकारी बताता था। इसके बाद आरोपी पीड़ितों से पैसा लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था। भानु का इस काम में भानु प्रताप दीक्षित निवासी  देवरिया और हिमांशु साथ देते थे। एसटीएफ अब इस गिरोह के फरार इन्हीं दो आरोपियों की तलाश में जुटी है। 

सरगना कई बार जा चुका है जेल 
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि पकड़ा गिरोह का सरगना भानु प्रताप सिंह पहले भी धोखाधड़ी कई मामलों में जेल जा चुका है। आरोपी के खिलाफ दिल्ली में भी इसी तरह का मामला चल रहा है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह कुछ दिन ही ऑफिस खोलकर ठगी की वारदातों को अंजाम देकर वहां से फरार हो जाते थे। फिर दूसरी जगह ऑफिस खोलकर ठगी की वारदात करते थे। पकड़े गए आरोपी अब तक काफी लोगों से ठगी कर चुके हैं। 

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