लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ी गई 16.50 लाख की सिगरेट : बैंकॉक से इस तरह छिपाकर लाए तीन यात्री, जानें स्मलिंग की वजह

UPT | लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ी गई सिगरेट

Nov 04, 2024 11:13

कस्टम अधिकारियों ने बताया कि एयर एशिया की फ्लाइट संख्या एफडी 146 से बैंकॉक से लखनऊ पहुंचे तीन यात्रियों के पास से कुल 97,000 सिगरेट के पैकेट बरामद किए। बरामद सिगरेट 'गोल्ड फ्लेक' ब्रांड की है, जो तीन बड़े बैगों में भरी गई थी।

Lucknow News : चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने भारी मात्रा में अवैध तरीके से लाई जा रही सिगरेट पकड़ी है। बैंकॉक से लखनऊ पहुंचे तीन  यात्रियों के पास से ये सिगरेट बरामद हुई है। अधिकारियों के अनुसार, बैंकॉक में पकड़ी गई सिगरेट की वास्तविक कीमत मात्र 4-5 लाख रुपये के आसपास होती है, जबकि भारत में इसकी अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 16.50 लाख रुपये आंकी गई है। यह सामान कई बैगों में छुपाकर लाया गया था ताकि किसी को शक न हो।

गोल्ड फ्लेक ब्रांड की सिगरेट बरामद, पैकिंग में थी तस्करी की तैयारी
कस्टम अधिकारियों ने बताया कि एयर एशिया की फ्लाइट संख्या एफडी 146 से बैंकॉक से लखनऊ पहुंचे तीन यात्रियों के पास से कुल 97,000 सिगरेट के पैकेट बरामद किए। बरामद सिगरेट 'गोल्ड फ्लेक' ब्रांड की है, जो तीन बड़े बैगों में भरी गई थी। पहले और दूसरे यात्री के बैग में 30-30 हजार पैकेट थे, जिनकी कुल कीमत 11 लाख 20 हजार रुपये है। वहीं, तीसरे यात्री के बैग में 37 हजार पैकेट थे, जिसकी बाजार कीमत करीब 6 लाख 29 हजार रुपये है।



पकड़े गए यात्रियों का यूपी, दिल्ली और केरल से कनेक्शन
पकड़े गए यात्रियों में से एक लखीमपुर खीरी का रहने वाला है, जबकि बाकी दो में से एक दिल्ली और दूसरा केरल का निवासी है। अधिकारियों का कहना है कि इन यात्रियों के पास से इतनी बड़ी मात्रा में सिगरेट मिलने से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि तस्करी का नेटवर्क बड़े पैमाने पर फैल चुका है।

सिगरेट तस्करी में तीन से चार गुना मुनाफा
तस्करी करने वाले देश से बाहर सिगरेट काफी कम कीमत में उपलब्ध होने के कारण इसकी तस्करी करते हैं। कीमतों में अंतर का फायदा उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार से सिगरेट भारत में लाई जाती है।  भारतीय बाजार में टैक्स और अन्य कारणों से सिगरेट अन्य देशों की तुलना में काफी महंगी है। बैंकॉक और भारतीय बाजार में दामों का अंतर लगभग तीन से चार गुना तक का होता है, जिससे तस्करी करने वालों को सीधे तौर पर भारी मुनाफा होता है। 

नकली सिगरेट का जोखिम
जानकारी के मुताबिक, भारत में आईटीसी निर्मित गोल्ड फ्लेक सिगरेट के अलावा किसी अन्य जगह पर यह ब्रांड नहीं बनता। तस्करी से लाए गए पैकेटों में नकली गोल्ड फ्लेक सिगरेट होती हैं जिनमें निम्न-गुणवत्ता का तम्बाकू और हानिकारक रसायनों का उपयोग किया जाता है।

भारतीय बाजार में सिगरेट की बढ़ती मांग
भारत में विशेष रूप से विदेशी ब्रांडेड सिगरेटों की बढ़ती मांग है। सिगरेट के बड़े लाभ और आसान उपलब्धता के कारण तस्करी के इस तरीके को बढ़ावा मिल रहा है। कुछ विशेष ब्रांड जैसे 'गोल्ड फ्लेक हनी ड्यू', भारतीय उपभोक्ताओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, जो इस तस्करी के प्राथमिक कारणों में से एक है।

Also Read