सीएम ने सींची उपचुनाव की जमीन : योगी आदित्यनाथ की मेहनत से उपचुनाव में भाजपा की जीत की राह आसान

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Nov 19, 2024 17:42

उत्तर प्रदेश उपचुनाव की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी रणनीतिक मेहनत से प्रदेश की चुनावी धारा को मजबूती से दिशा दी। सिर्फ पांच दिन में 13 रैलियों और दो रोड शो के माध्यम से उन्होंने न केवल भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया बल्कि...

Short Highlights
  • सीएम ने पांच दिन में 13 रैलियां और दो रोड शो किए
  • मतदाताओं से विकास के लिए फिर कमल खिलाने की अपील
  • उपचुनावों में जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास
Lucknow News : उत्तर प्रदेश उपचुनाव की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी रणनीतिक मेहनत से प्रदेश की चुनावी धारा को मजबूती से दिशा दी। सिर्फ पांच दिन में 13 रैलियों और दो रोड शो के माध्यम से उन्होंने न केवल भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया, बल्कि विपक्षी दलों को भी घेरते हुए मतदाताओं से विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर समर्थन मांगा। योगी ने "विकास के लिए फिर कमल खिलाने" की अपील की और उपचुनावों में जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया। 

प्रदेश को माफिया मुक्त बनाकर ही राज्य का सर्वांगीण विकास
योगी आदित्यनाथ ने उपचुनावों में विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को भी अपने निशाने पर लिया। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और माफिया के खिलाफ तीखे बयान दिए। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त बनाकर ही राज्य का सर्वांगीण विकास संभव है। उनका यह संदेश यूपी के मतदाताओं में गहरे तक समा गया, और उन्होंने योगी के नेतृत्व में एक बार फिर भाजपा को समर्थन देने का संकल्प लिया।


सीएम ने जीत के लिए की कड़ी मेहनत
मुख्यमंत्री ने उपचुनाव में गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, मझवां, और फूलपुर जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा की जीत बरकरार रखने के साथ-साथ अन्य सीटों पर भी विजय हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, मझवा से सुचिस्मिता मौर्य, और फूलपुर से दीपक पटेल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। इसके अलावा, योगी ने अन्य सीटों पर भी प्रचार किया, जिससे भाजपा को उम्मीद थी कि अन्य स्थानों पर भी उसकी स्थिति मजबूत होगी।

सीएम योगी ने अखिलेश पर साधा निशाना
योगी आदित्यनाथ के विपरीत, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनावों में अपने उम्मीदवारों को अपेक्षित समर्थन नहीं दिया था। जबकि योगी ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उपचुनाव में हर सीट पर प्रचार की कमान संभाली, अखिलेश अक्सर अपने प्रत्याशियों को छोड़कर प्रचार से दूरी बना लेते थे। लेकिन इस बार उपचुनावों में भाजपा की जीत के मद्देनजर अखिलेश यादव को भी अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जुटने की आवश्यकता महसूस हुई।

सीएम योगी की मेहनत बढ़ा रही भाजपा की ताकत
योगी आदित्यनाथ का चुनावी अनुभव और उनकी मेहनत उत्तर प्रदेश में भाजपा की लगातार बढ़ती ताकत का एक अहम कारण बन चुका है। पिछली उपचुनावों में भी योगी ने भाजपा और उसके सहयोगियों को विजयी बनाने के लिए जो कड़ी मेहनत की, उसका परिणाम अब उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के बीच साफ नजर आ रहा है। चाहे गोला गोकर्णनाथ हो या छानबे, रामपुर हो या लखनऊ पूर्व, हर जगह योगी की मेहनत और चुनावी रणनीति ने भाजपा को सफलता दिलाई। इस बार भी उन्होंने उपचुनावों में हर कदम पर अपने कार्यकर्ताओं का साथ दिया और भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया।

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