धरने पर बैठे कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को वापस नहीं लिया जाता, वह किसी भी स्थिति में काम पर नहीं लौटेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छंटनी से उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है और अधिकारियों की उदासीनता से उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।