चुनाव आयोग ने शुरू की विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां : तीन साल पूरा कर चुके अफसर हटेंगे , स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू

UPT | प्रतीकात्मक फोटो।

Sep 28, 2024 23:53

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। 10 जिलों में जिन अधिकारियों का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, उन्हें स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। 10 जिलों में जिन अधिकारियों का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, उन्हें स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आयोग के निर्देशों के अनुसार, इन जिलों में करीब 40 एसडीएम (उप जिलाधिकारी) अधिकारियों को हटाया जाएगा। शासन स्तर से जल्द ही चुनाव आयोग को इस आदेश के पालन की रिपोर्ट भेजी जाएगी।

अधिसूचना जल्द जारी होने की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार, इन विधानसभा सीटों पर चुनाव से जुड़ी अधिसूचना अगले महीने के अंत तक जारी हो सकती है। इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आयोग ने निर्देश दिए हैं कि तीन साल से एक ही जिले में तैनात अधिकारियों को तुरंत स्थानांतरित किया जाए। इतना ही नहीं, पिछले चार साल के दौरान जिन अफसरों ने इन जिलों में तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है, उन्हें भी हटाया जाएगा।

गृह जिले में तैनाती नहीं
चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी अधिकारी की तैनाती उसके गृह जिले में न हो। इसके अलावा, जिन अफसरों की सेवानिवृत्ति में छह महीने या उससे कम समय बचा है, उन्हें भी अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस आदेश के तहत कोई भी आईएएस अधिकारी प्रभावित नहीं होगा। यह निर्देश मुख्य रूप से एसडीएम और एडीएम स्तर के अधिकारियों पर लागू होंगे, जिन्हें जल्द ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

किन सीटों पर होंगे उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर की मझवा और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीटें शामिल हैं। इन सीटों में सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद रिक्त हुई है, जबकि अन्य नौ सीटें उन विधायकों के लोकसभा सदस्य बनने से रिक्त हुई हैं।

चुनाव आयोग के इस सख्त रुख से साफ है कि वह उपचुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब देखना होगा कि आगामी दिनों में किस तरह से चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। 

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