चिकित्सा शिक्षा में बंपर बढ़ोतरी : यूपी में MBBS सीटों में 108 प्रतिशत और PG में 181 फीसद इजाफा

UPT | CM Yogi Adityanath

Sep 28, 2024 19:43

चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया सरकार के निर्धारित वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज योजना के तहत बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लिया है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए महत्वाकांक्षी योजना वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज योजना का विस्तार किया। पिछले साढ़े सात वर्षों में इस दिशा में किए गए निरंतर प्रयासों से आज यह सपना साकार होता नजर आ रहा है। 2017 से पहले यूपी के छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों या विदेशों का रुख करना पड़ता था। उस समय राज्य में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें 14 सरकारी और 25 निजी कॉलेज शामिल थे। सरकार के प्रयासों से इस संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है, वर्तमान में राज्य में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें 43 सरकारी और 35 निजी कॉलेज शामिल हैं।

राज्य में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया सरकार के निर्धारित वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज योजना के तहत बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस विकास के चलते अब राज्य के छात्रों को अपने ही राज्य में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है, जिससे राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर हो रही है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है।



एमबीबीएस और पीजी सीटों में वृद्धि
उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या के साथ-साथ एमबीबीएस और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों में भी व्यापक वृद्धि हुई है। एमबीबीएस सीटों की संख्या 2016-17 में जहां 5 हजार 390 थी, वहीं अब 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 11 हजार 200 हो गई है। इनमें से 5 हजार 150 सीटें सरकारी कॉलेजों में हैं, जबकि 6 हजार 50 सीटें निजी कॉलेजों में हैं। पीजी सीटों की बात करें तो 2016-17 में 1 हजार 344 सीटें थीं, जिनमें 741 सरकारी और 603 निजी सीटें शामिल थीं। अब 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 3 हजार 781 हो गई है, जिनमें 1 हजार 759 सीटें सरकारी और 2 हजार 022 निजी हैं। यह वृद्धि न केवल छात्रों के लिए लाभदायक साबित हो रही है, बल्कि इससे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बना रही है।

नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना 
राज्य सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की प्रक्रिया भी तेज गति से चल रही है। बागपत, हाथरस, और कासगंज जिलों में जल्द ही नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी जिलों में नए स्वशासी मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। अमेठी जिले में भी एक नया मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 34 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए इस कॉलेज में 100 सीटों के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से अनुमति प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेजों का विकास 
राज्य में निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत भी मेडिकल कॉलेजों का विकास तेजी से हो रहा है। मऊ जिले में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह कॉलेज अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए तैयार होने की उम्मीद है। इसी प्रकार,पीपीपी मोड के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के अंतर्गत बागपत, हाथरस और कासगंज में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

प्रदेश को स्वस्थ बनाने का संकल्प   
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार का "वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज" संकल्प स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और प्रभावी कदम साबित हो रहा है। इस योजना ने राज्य को न केवल डॉक्टरों की कमी से उबरने में मदद की है, बल्कि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रहा है, जहां हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हर नागरिक तक सुनिश्चित की जाएगी।

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