मंगेश यादव एनकाउंटर पर अब पूर्व आईपीएस अफसर ने उठाए सवाल : बोले- चप्पल पहनकर दौड़ना संभव नहीं, डीके शाही से स्पष्टीकरण की मांग

UPT | Mangesh Yadav Encounter

Sep 08, 2024 16:33

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस बीच इस कथित एनकाउंटर के टीम लीडर डीके शाही की एनकाउंटर के समय की एक कथित तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वह हवाई चप्पल में दिख रहे हैं। चप्पल की बनावट ऐसी है जिसे देख कर यह आसानी से समझा जा सकता है कि इस चप्पल में भाग दौड़ करना, पीछा करना आदि पूरी तरह असंभव है।

Lucknow News : प्रदेश के सुलतानपुर जनपद में 5 सितंबर को हुए एक लाख के इनामी बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर सवालों का दौर जारी है। अब पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने अपने ही महकमे के अधिकारियों को कटघरे  में खड़े किया है। उन्होंने मुठभेड़ को लीड करने वाले यूपी एसटीएफ के अफसर डीके शाही के हवाई चप्पल पहनने को लेकर डीजीपी से जांच की मांग की है। पूर्व आईपीएस अफसर ने सवाल उठाए हैं कि आखिर हवाई चप्पल पहनकर कैसे डीके शाही अपराधी का पीछा कर रहे थे और उसे मुठभेड़ में मार गिराया गया।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की शिकायत
आजाद अधिकार सेना के प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को इन तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा है कि सुलतानपुर में 5 सितंबर को मंगेश यादव के एसटीएफ के कथित एनकाउंटर के संबंध में उसके पिता राकेश यादव और परिवार के अन्य लोगों के प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर उन्होंने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शनिवार को शिकायत भेजी है, जो शिकायत संख्या 14541/1N/2024 पर दर्ज हुई है।

चप्पल पहनकर मुठभेड़ की स्थिति का सामना करना संभव नहीं
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस बीच इस कथित एनकाउंटर के टीम लीडर डीके शाही की एनकाउंटर के समय की एक कथित तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वह हवाई चप्पल में दिख रहे हैं। चप्पल की बनावट ऐसी है जिसे देख कर यह आसानी से समझा जा सकता है कि इस चप्पल में भाग दौड़ करना, पीछा करना आदि पूरी तरह असंभव है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि जो चप्पल शाही पहने हुए दिख रहे हैं, उसे पहनकर कोई हलके से भी नहीं दौड़ सकता है, तेजी से दौड़ना और एनकाउंटर के समय घटित होने वाली अन्य स्थितियों का सामना करना तो बहुत दूर की बात है।

चप्पल ने एनकाउंटर की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि एनकाउंटर होने के बाद बड़े अफसर इस प्रकार के चप्पल में एनकाउंटर साइट पर टीम को शाबाशी देते देखे गए हैं। लेकिन, आज तक के पुलिसिंग के इतिहास में यह पहली बार दिखा है कि मौके पर क्रियाशील रहा कोई टीम लीडर ऐसे चप्पल में रहा हो। पूर्व आईपीएस अफसर ने कहा कि पुलिस का कोई भी व्यक्ति इस तरह के चप्पल में इस तरह के कथित खतरनाक एनकाउंटर में जाने की सोच तक नहीं सकता है। इन कारणों से यह चप्पल इस एनकाउंटर की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

दोषी पाए जाने पर डीजीपी करें दंडित
अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी से मांग करते हुए कहा कि इस एनकाउंटर के असली या फर्जी होने के संबंध में अन्य तमाम एजेंसी, जांच आयोग अपनी ओर से पड़ता और कार्रवाई करेंगे। लेकिन, प्रदेश के पुलिस प्रमुख के रूप में आपसे अनुरोध है कि कृपया संबंधित अधिकारी से यह स्पष्टीकरण अवश्य लें कि आखिर वे इतने गंभीर कार्य के समय चप्पल में क्यों थे और यदि उनका स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं पाया जाता है तो उन्हें निश्चित रूप से नियमानुसार दंडित किया जाए।

निजी कार्यक्रम में डीके शाही के बयान की चर्चा
वहीं डीके शाही ने जिस तरह से इस एनकाउंटर के बाद एक निजी कार्यक्रम में बयान दिया, वह भी चर्चा में है। कहा जा रहा है कि इसमें शाही एक पुलिस अधिकारी के बजाय राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर बयान देते नजर रहे हैं। इसमें उन्होंने दावा किया कि अब यूपी से ऑर्गनाइज्ड क्राइम खत्म कर दिया गया है। छिटपुट घटनाएं हो रही हैं। जो जेल जाने लायक है, उसे जेल भेजा जा रहा है। जो पुलिस पर गोली चला रहा है, उसका वैसे जवाब दे दिया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सहित अन्य नेता इस एनकाउंटर पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने जाति की वजह से भी मंगेश यादव को मारने का आरोप लगाया है। पार्टी नेताओं ने इसे एनकाउंटर के बजाय हत्या करार दिया है।

डीके शाही के राजनीतिक संपर्क
डीके शाही यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी हैं। वह यूपी एसटीएफ में तैनात हैं। उनकी पत्नी ऋतु शाही भाजपा की नेता हैं। हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है। ऋतु शाही गोरखपुर क्षेत्र में भाजपा महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। डीके शाही के परिवार में महाराणा प्रताप वॉलीबॉल ट्रस्ट और महाराणा प्रताप चैरिटेबल ट्रस्ट खरगापुर, गोमतीनगर विस्तार लखनऊ भी बताया जाता है। इनके जरिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर पुलिस के आलाधिकारी शामिल होते रहे हैं। एसटीएफ के मुखिया अमिताभ यश भी ट्रस्ट के कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। सपा और अन्य विपक्षी दल इसे लेकर शाही पर हमलावर बने हुए हैं। एनकाउंटर में मंगेश को सिर में गोली मारने को लेकर भी एसटीएफ को कटघरे में खड़े किया जा रहा है। वहीं अभी तक माल की पूरी बरामदगी नहीं होने के कारण भी इस एनकाउंट को विपक्षी दल संदेह की नजरों से देख रहे हैं।

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