डॉ. मैराजुद्दीन ने रालोद से इस्तीफा देने के पीछे अपने फैसले के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रालोद के मुखिया ने पार्टी की मूल विचारधारा से समझौता कर लिया है। उन्होंने उस पार्टी से हाथ मिला लिया है, जो किसानों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय करती रही है।