Hathras Stampede : हाथरस घटना की जांच को न्यायिक आयोग में विधिक राय के लिए अधिकारी तैनात

फ़ाइल फोटो | हाथरस घटना की होगी जांच।

Jul 17, 2024 01:32

हाथरस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग में विधिक राय के लिए अधिकारी की तैनाती गई है। अवधेश कुमार सिंह विधि अधिकारी बनाए गए हैं। यह आदेश एडीजी अभियोजन दिपेश जुनेजा ने जारी किया है।

Short Highlights
  • अवधेश कुमार सिंह विधि अधिकारी बनाए गए
  • आयोग को दो महीने में सरकार को देनी है अपनी रिपोर्ट
Lucknow News : हाथरस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग में विधिक राय के लिए अधिकारी की तैनाती गई है। अवधेश कुमार सिंह न्यायिक आयोग में विधि अधिकारी बनाए गए हैं। यह आदेश एडीजी अभियोजन दिपेश जुनेजा ने जारी किया है। दरअसल, हाथरस घटना में एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद न्यायिक आयोग को भी जांच दी गई है। न्यायिक आयोग की तरफ से विधिक राय के लिए अफसर की मांग की गई थी।

अयोग को दो माह में देनी है रिपार्ट
प्रदेश सरकार ने हाथरस घटना की जांच के लिए एडीजी कानपुर जोन व मंडलायुक्त अलीगढ़ की दो सदस्यीय एसआईटी बनाने के साथ ही इस घटना की विस्तृत जांच के लिए तीन जुलाई को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया था। न्यायिक आयोग को पांच बिंदुओं की जांच कर दो माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी है। भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों उन्हें रोकने के लिए भी अपने सुझाव देने हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग को चार पांच पर रिपोर्ट देनी है। आयोग में अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी हेमंत राव व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह शामिल हैं। अब सभी की निगाह न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर टिक गई हैं।

इन बिंदुओं पर आयोग को देनी है रिपोर्ट
  • कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा प्रवत्त अनुमति एवं उसमें उल्लिखित शर्तों के अनुपालन की जांच।
  • यह घटना कोई दुर्घटना है अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना की संभावना के पहलुओं की जांच।
  • हाथरस जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने हेतु किये गये प्रबन्ध एवं उनसे सम्बन्धित अन्य पहलुओं की जांच।
  • उन कारणों एवं परिस्थितियों का अभिनिश्चय करना जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई।
  • भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के सम्बन्ध में सुझाव देना।

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