Lucknow News : उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के केस से हटे जज, अब नई बेंच करेगी सुनवाई

UPT | गायत्री प्रसाद प्रजापति (फाइल फोटो)

May 07, 2024 10:56

गैंग रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के केस से जज हट गए हैं। अब नई बेंच मामले की सुनवाई करेगी। गायत्री समेत सजायाफ्ता आरोपियों ने सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी है।

Lucknow News : सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की अपील पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान दो सदस्यीय बेंच के एक जस्टिस ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजने का निर्देश दिया, ताकि मामले को सुनवाई के लिए नई बेंच को भेजा जा सके।
 
सेशन कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
12 नवंबर 2021 को सेशन कोर्ट ने गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को रेप मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गायत्री समेत सजायाफ्ता आरोपियों ने सेशन कोर्ट के उक्त फैसले को हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी है। अपील लंबित रहने तक जमानत पर रिहा करने की भी मांग की गई है। 

जमानत अर्जियों पर एक मई को होनी थी सुनवाई
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ के समक्ष गायत्री और अन्य अपीलकर्ताओं की जमानत अर्जियों पर एक मई को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम ने उक्त सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। हालांकि आदेश में इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। अब जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 8 मई को दूसरी पीठ के समक्ष होने की संभावना है।

दर्ज किया गया था सामूहिक दुष्कर्म का  मामला
गौरतलब है कि 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जान-माल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म के साथ ही उसकी नाबालिग बेटी की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश का भी आरोप लगाया था। पीड़िता ने दावा किया था कि मंत्री और उसके साथी अक्टूबर 2014 से उसके साथ बलात्कार कर रहे हैं।

विशेष पॉक्सो कोर्ट ने  तय किए थे आरोप
18 जुलाई 2017 को विशेष पॉक्सो कोर्ट ने इस मामले में गायत्री, विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रूपेश्वर समेत सभी सात आरोपियों के खिलाफ धारा 376 डी, 354 ए (1), 509, 504 और 506 के तहत आरोप तय किए थे। 12 नवंबर 2021 को सेशन कोर्ट ने गायत्री, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि बाकी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। इस मामले में राज्य सरकार ने भी अन्य आरोपियों को बरी करने को चुनौती देते हुए अपील दायर की है।

प्रजापति 2013 से 2016 तक खनन मंत्री थे और बाद में परिवहन विभाग संभाला था। प्रजापति को 15 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया गया था।

Also Read