कोलकाता कांड के खिलाफ केजीएमयू के डॉक्टरों का काम ठप : इलाज और जांच प्रभावित, टाले गए ऑपरेशन

UPT | केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

Oct 16, 2024 15:44

केजीएमयू के अधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों को मनाने का प्रयास किया। लेकिन, डॉक्टरों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने ओपीडी से बाहर आकर परिसर में नारेबाजी की और काम कर रहे अन्य डॉक्टरों को भी बुला लिया, जिससे वार्डों में अव्यवस्था फैल गई।

Lucknow News : कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर राजधानी के मेडिकल संस्थानों में भी रेजिडेंट्स डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया। सुबह नौ बजे से ही ओपीडी से लेकर वार्ड तक की सभी सेवाएं रोक दी गईं। डॉक्टरों ने नारेबाजी करते हुए क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी, जिससे केजीएमयू में मरीजों के लिए अव्यवस्था और अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया।

भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ी
इस विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे दो रेजिडेंट डॉक्टरों की भूख हड़ताल के दौरान तबीयत खराब हो गई। जांच में उनकी ग्लूकोज का स्तर काफी कम पाया गया। उधर मरीजों का इलाज छोड़कर डॉक्टरों का इस तरह से प्रदर्शन करने से केजीएमयू के स्वास्थ्य सेवा ढांचा भी प्रभावित हो रहा है।



अधिकारियों की अपील, डॉक्टरों ने मानने से किया इनकार
केजीएमयू के अधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों को मनाने का प्रयास किया। लेकिन, डॉक्टरों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने ओपीडी से बाहर आकर परिसर में नारेबाजी की और काम कर रहे अन्य डॉक्टरों को भी बुला लिया, जिससे वार्डों में अव्यवस्था फैल गई।

जांच प्रभावित, ऑपरेशन स्थगित
रेजिडेंट डॉक्टरों के न होने से मरीजों का इलाज स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के भरोसे रह गया। इसके कारण कई महत्वपूर्ण जांचें, जैसे पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, और बायोप्सी भी प्रभावित रहीं। करीब 2000 से अधिक मरीजों को ओपीडी में इलाज नहीं मिल पाया और 20 से अधिक ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए।

दूर-दराज से आए मरीजों को निराशा
जिन मरीजों ने दूर-दराज से आकर केजीएमयू में इलाज कराने की उम्मीद की थी, उन्हें इस स्थिति से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण अस्पताल का सामान्य कामकाज ठप हो गया, जिससे न केवल मरीज बल्कि उनके परिवारजनों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
 

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