शर्मनाक : केजीएमयू में इलाज के लिए डॉक्टर से हाथ जोड़ता रहा मरीज, वेंटिलेटर नहीं मिलने से मौत, वीडियो वायरल

UPT | केजीएमयू में लारी कार्डियोलॉजी में इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत

Nov 25, 2024 20:15

मृतक के बेटे सैफ ने वजीरगंज थाने में डॉक्टर नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही और संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर इलाज दिया गया होता, तो अबरार की जान बचाई जा सकती थी।

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में इलाज की मांग के बावजूद एक मरीज की मौत हो गई। दुबग्गा के छंदोईया निवासी एक शख्स 2018 से दिल की बीमारी का इलाज करवा रहे थे। रविवार रात सांस लेने में तकलीफ के बाद परिजन उन्हें केजीएमयू लेकर पहुंचे, उनका आरोप है कि डॉक्टरों के समय पर समुचित इलाज नहीं करने से उनकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मरीज को इलाज के लिए हाथ जोड़ते देखा जा सकता है। वह डॉक्टरों के सामने हाथ जोड़कर विनती करते रहे और बाद में उनकी मौत हो गई। केजीएमयू प्रशासन ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया है। 

मरते दम तक मरीज ने लगाई गुहार, डॉक्टरों ने नहीं दिखाई दया
परिजनों के अनुसार, 55 वर्षीय अबरार अहमद ने अपनी बिगड़ती हालत में डॉक्टरों से हाथ जोड़कर इलाज की गुहार लगाई। सीने में तेज दर्द के लिए डॉक्टर नीरज कुमार की सलाह पर उन्हें तीन से चार इंजेक्शन दिए गए। इंजेक्शन के कुछ देर बाद उनकी नाक और मुंह से खून निकलने लगा। इस दौरान परिजनों ने डॉक्टरों से कई बार मदद की अपील की, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाते हुए उनकी स्थिति को नजरअंदाज किया।



ज्यादा शोर कर रहे हैं, इन्हें नहीं देखा जाएगा
मरीज के बेटे सैफ का आरोप है कि डॉक्टरों ने शिकायत करते हुए कहा कि ये लोग ज्यादा शोर मचा रहे हैं और उन्होंने मरीज को देखने से इनकार कर दिया। इसके बाद जब अबरार की सांसें थम गईं, तब डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की और कहा कि यहां से शव ले जाओ। घटना का मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अबरार इलाज के लिए मदद की गुहार लगाते दिखाई दे रहे हैं।

केजीएमयू प्रशासन की सफाई : हर संभव प्रयास किया गया
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अबरार अहमद को 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता चला था, जिसके लिए एंजियोप्लास्टी की गई थी। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें नियमित रूप से जांच के लिए बुलाया, लेकिन वह ओपीडी में फॉलोअप के लिए नहीं आए। बाद में गंभीर हालत में अस्पताल लाए जाने पर उन्हें तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया और आवश्यक दवाएं दी गईं। हालांकि, उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि वेंटिलेटर की जरूरत थी, लेकिन सभी आईसीयू बेड भरे होने के कारण उन्हें तुरंत एसजीपीजीआई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने की सलाह दी गई। इसके लिए केजीएमयू से एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराई गई थी। प्रवक्ता ने दावा किया कि मरीज को बचाने के हर संभव प्रयास किए गए। लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

परिवार ने दर्ज कराई शिकायत, डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग
मृतक के बेटे सैफ ने वजीरगंज थाने में डॉक्टर नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही और संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर इलाज दिया गया होता, तो अबरार की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना ने सरकारी चिकित्सा संसथानों की कार्यप्रणाली और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वहीं ये घटना इलाज के समुचित प्रबंध होने के दावों की भी पोल खोलती नजर आ रही है, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है।

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