UPPCL : घाटा कम करने को उड़ीसा का फेल ट्रिपल पी मॉडल लागू करने की तैयारी, पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन बोला- चोर दरवाजे से निजीकरण का प्रयास

UPT | यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक में मौजूद पदाधिकारी

Nov 25, 2024 21:27

एसोसिएशन ने 2020 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री और वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि उस समय तय किया गया था कि बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मासिक समीक्षा बैठकें होंगी। लेकिन, आज तक कोई सामूहिक प्रयास नहीं किया गया, जिससे घाटा और बढ़ता गया।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने राज्य की बिजली कंपनियों के बढ़ते घाटे पर गहरी चिंता जताते हुए चेतावनी दी है कि उड़ीसा का असफल मॉडल लागू करना प्रदेश के बिजली ढांचे के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। संगठन ने कहा कि अधिकारी इसे लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि यह मॉडल न केवल आर्थिक दृष्टि से विफल है, बल्कि दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर भी गहरा असर डाल सकता है। एसोसिएशन ने इसे चोर दरवाजे से निजीकरण की कोशिश करार दिया। 

2020 में आंदोलन के बाद फैसला किया जा चुका है वापस 
एसोसिएशन ने कहा कि वर्ष 2020 में जब पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विघटन व निजीकरण का फैसला किया गया था। तब बड़ा आंदोलन चला था और आखिरकार उसे वापस लिया गया। अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश में उड़ीसा के फेल मॉडल की तर्ज पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है, जो गलत है। ऐसे में बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन को दलित व पिछला वर्ग के अभियंताओं कार्मिकों के आरक्षण पर भी बात करना होगी। फेल मॉडल के सहारे बिजली कंपनियां तबाह होगी। पावर कारपोरेशन को उड़ीसा के ट्रिपल पी मॉडल पर विचार करना चाहिए वह पूरी तरीके से फेल है।



2020 के समझौते को लागू करने की मांग
एसोसिएशन ने 2020 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री और वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि उस समय तय किया गया था कि बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मासिक समीक्षा बैठकें होंगी। लेकिन, आज तक कोई सामूहिक प्रयास नहीं किया गया, जिससे घाटा और बढ़ता गया। एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल इन समझौतों को लागू करने की मांग की है, जिससे कंपनियां आत्मनिर्भर बन सकें और बेहतर उपभोक्ता सेवाएं दे सकें।

आरक्षण के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिजली कंपनियों में किसी भी नए बदलाव से पहले यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा संविधान में प्रदान किए गए आरक्षण के अधिकार सुरक्षित रहें। एसोसिएशन ने चेताया कि आरक्षण पर किसी भी प्रकार की चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह मुद्दा दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों से सीधा जुड़ा हुआ है, जो किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं होना चाहिए।

सुझाव और समझौते पर अमल से मुनाफा होने का दावा
एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा और अजय कुमार विनय कुमार ने कहा 2020 में ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक के आधार पर किए गए निर्णय को पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों को लागू करना चाहिए। इससे निश्चित तौर पर बिजली कंपनियां आत्मनिर्भर होंगी और बेहतर परिणाम सामने आएंगे। एसोसिएशन ने कहा कि वह हमेशा से उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने और बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत रहा है। अगर सरकार और पावर कारपोरेशन उनके सुझावों और समझौतों पर ध्यान दें, तो राज्य की बिजली कंपनियां घाटे से उबर सकती हैं और मुनाफे की ओर बढ़ सकती हैं।

प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में होगी आगे की रणनीति पर चर्चा
संगठन ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें बिजली कंपनियों की मौजूदा स्थिति, घाटे के कारण, और आरक्षण की सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

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