KGMU : रोबोटिक सर्जरी महज 53000 से होगी शुरू, एसजीपीजीआई के मुकाबले मिला सस्ता विकल्प

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Dec 25, 2024 10:35

राजधानी में एसजीपीजीआई में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। लेकिन, इसकी न्यूनतम फीस एक लाख से शुरू होती है। वहीं, केजीएमयू पीपीपी मॉडल के तहत कम लागत पर रोबोटिक सर्जरी उपलब्ध कराने जा रहा है।

Lucknow News : चिकित्सा पद्धति के बदलते आयामों के बीच रोबोटिक सर्जरी अब दिनोंदिन अहम होती जा रही है। देश में कई बड़े चिकित्सा संस्थान इसका प्रयोग कर रहे हैं। इसके बेहतद परिणाम सामने आए हैं। इस बीच राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने रोबोटिक सर्जरी की न्यूनतम फीस 53,000 तय की है। यह फीस सर्जरी की जटिलता और आकार के आधार पर 1.15 लाख तक हो सकती है। यह पहल मरीजों को किफायती और आधुनिक चिकित्सा सुविधा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एसजीपीजीआई में एक लाख से शुरू होती है रोबोटिक सर्जरी
राजधानी में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एसजीपीजीआई) में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। लेकिन, इसकी न्यूनतम फीस एक लाख से शुरू होती है। वहीं, केजीएमयू पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत कम लागत पर रोबोटिक सर्जरी उपलब्ध कराने जा रहा है। यह शताब्दी फेज-1 भवन में स्थापित किया जाएगा।



दो रोबोटिक यूनिट्स की योजना
केजीएमयू के प्रवक्ता, प्रोफेसर केके सिंह के अनुसार, संस्थान दो रोबोटिक यूनिट्स स्थापित करेगा। इनमें से एक ऑपरेशन के लिए और दूसरा डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने के लिए होगा। इस पहल से चिकित्सा क्षेत्र में नई तकनीक के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना भी संभव होगा।

रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख लाभ
थ्रीडी इमेजिंग से बेहतर स्पष्टता : रोबोट मरीज के भीतरी अंगों की थ्रीडी इमेज तैयार करता है, जो सामान्य आंखों से देखना संभव नहीं है। इससे डॉक्टरों को ऑपरेशन के दौरान सटीक निर्णय लेने में मदद मिलती है।
सटीकता में सुधार :  सामान्य सर्जरी में चीरे की लंबाई और गहराई का अनुमान लगाना पड़ता है, जिससे बड़ा चीरा लग सकता है। रोबोटिक सर्जरी में रोबोट तय लंबाई और गहराई का चीरा लगाता है, जिससे अतिरिक्त कटाव की जरूरत नहीं पड़ती।
कम रक्तस्राव और जल्दी रिकवरी : सटीक चीरे के कारण खून का बहाव कम होता है और घाव जल्दी भरते हैं। मरीज को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है।

कैसे काम करता है रोबोट?
रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर की भूमिका अहम होती है। रोबोट का एक भाग मरीज के पास और दूसरा डॉक्टर के पास होता है। डॉक्टर, रोबोट की सहायता से मरीज से कुछ दूरी पर बैठकर सर्जरी करते हैं। इससे ऑपरेशन अधिक सटीक और प्रभावी होता है।

एसजीपीजीआई में नए रोबोट की तैयारी, सुरक्षित और श्रेष्ठ इलाज की गारंटी
एसजीपीजीआई में पहले से मौजूद एक रोबोट के अलावा दूसरा रोबोट खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। वहीं केजीएमयू में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत मरीजों के लिए न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह कम कीमत पर बेहतरीन इलाज का विकल्प भी प्रदान करती है। इससे जटिल सर्जरी के मामले में समय और लागत दोनों की बचत होगी।

 

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