ट्रॉमा सेंटर के बाहर अक्सर निजी अस्पतालों की एंबुलेंस खड़ी रहती हैं, जो घायल मरीजों को सीधा वहां ले जाती हैं। इससे इन अस्पतालों और ट्रॉमा सेंटर में काम करने वाले डॉक्टरों के बीच मिलीभगत के आरोप भी लगते हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक, कुछ जूनियर रेजिडेंट की इस तरह की गतिविधियों की शिकायत मिलने पर जांच कराई गई थी।