Lucknow News : आंसू निकाल रहा प्याज का भाव-तीन दिन में इतना इजाफा, लहसुन भी हुआ बेकाबू

UPT | प्याज और लहसुन के दामों में इजाफा

Jan 02, 2025 12:44

प्याज के साथ-साथ लहसुन की कीमतों ने भी नए रिकॉर्ड बनाए हैं। फुटकर दुकानों पर लहसुन 400 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। जो मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए इसे खरीदना कठिन बना रहा है।

Lucknow News : सर्दी के मौसम में प्याज की मांग हर घर की रसोई में बढ़ जाती है, लेकिन इस बार बढ़ते दामों ने आम आदमी के बजट पर गहरी चोट की है। फुटकर बाजार में प्याज 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि कुछ दिनों पहले यह 25 से 30 रुपये किलो मिल रहा था। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि विदेशी आपूर्ति और खराब मौसम की वजह से इस कीमत में बढ़ोतरी हुई है। प्याज के दामों में इजाफा से बाजार में इससे जुड़ी खाने वाली चीजों के दाम भी दुकानदारों ने बढ़ा दिए हैं।  

विदेशी आपूर्ति बनी कीमत बढ़ने की वजह, थोक में भी महंगा हो रहा है प्याज
राजधानी में प्याज के बढ़ते दामों का मुख्य कारण विदेशों में प्याज की मांग बढ़ना है। गोमतीनगर में तकवा मंडी के सब्जी विक्रेताओं के अनुसार, महाराष्ट्र और राजस्थान से आने वाली प्याज की आपूर्ति में कमी आई है। बारिश के कारण महाराष्ट्र में प्याज की फसल खराब हो गई है, जिससे बाजार में सप्लाई बाधित हो रही है। दुबग्गा सब्जी मंडी के विक्रेताओं ने बताया कि इस समय मंडी में थोक प्याज का भाव 32 से 35 रुपये प्रति किलो है। जब थोक में ही दाम इतना अधिक हो, तो फुटकर बाजार में इसकी कीमत बढ़ना स्वाभाविक है। प्याज की यह महंगाई आम आदमी की रसोई पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।



लहसुन और मटर की कीमतें भी आसमान पर
प्याज के साथ-साथ लहसुन की कीमतों ने भी नए रिकॉर्ड बनाए हैं। फुटकर दुकानों पर लहसुन 400 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। जो मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए इसे खरीदना कठिन बना रहा है। लहसुन की मांग शादी-ब्याह के मौसम और सर्दियों में विशेष रूप से बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत और बढ़ने की संभावना बनी रहती है। अभी 100 रुपये में केवल 250 ग्राम लहसुन मिल रहा है। इसके साथ ही हरी मटर 80 रुपये प्रति किलो और गोभी 25 से 30 रुपये प्रति पीस के भाव पर बिक रही है।

नई खेप आने पर कीमतों में राहत की उम्मीद
सब्जी व्यापारियों ने संभावना जताई है कि आने वाले हफ्तों में प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है। जैसे-जैसे नई फसल बाजार में पहुंचेगी, दाम धीरे-धीरे सामान्य हो सकते हैं। हालांकि, फिलहाल हालात आम जनता को महंगाई की मार का सामना करना पड़ेगा।
 

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