Lift and Escalator Bill: यूपी में लिफ्ट हादसों में कमी आएगी, इन नियमों के साथ विधानसभा में एक्ट हुआ पास

UPT | Lift and Escalator Bill

Feb 10, 2024 12:36

उत्तर प्रदेश में अब लिफ्ट और एस्केलेटर पर होने वाले हादस अब थमने वाले हैं। क्योंकि सरकार ने इसको लेकर अब लिफ्ट एक्ट पारित कर दिया है।

Lift and Escalator Bill : उत्तर प्रदेश में अब लिफ्ट और एस्केलेटर पर होने वाले हादस अब थमने वाले हैं। क्योंकि सरकार ने इसको लेकर अब लिफ्ट एक्ट पारित कर दिया है। शुक्रवार की सुबह ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सदन में लिफ्ट विधेयक पेश किया, जिसे पूरे सदन ने बहुमत से पास किया और स्थापित करने की सहमति दी।  सत्र के दौरान दोपहर बाद लिफ्ट एक्ट पास हो गया। इस एक्ट के अनुसार, घरेलू लिफ्ट को छोड़कर बाकी सभी स्थान पर लिफ्ट ऑपरेटर रखना अनिवार्य होगा। 

जहां लिफ्ट लगेगी, उनमें "ऑटो रेस्क्यू डिवाइस" लगा होगा
नियमानुसार राज्य में किसी भी बहुमंजिला बिल्डिंग में लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए इजाजत लेनी होगी। साथ ही, विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना भी अनिवार्य होगा। उसके बाद लिफ्ट लगाने के लिए सरकार की टीम मौके पर मुआयना करेगी। ऑडिट के दौरान काफी शर्तें भी होंगी, जिनको मानना अनिवार्य होगा। इस नियम की माने तो अब जहां भी लिफ्ट लगेगी, उनमें "ऑटो रेस्क्यू डिवाइस" लगा होगा। जिसका मतलब है कि अगर बिजली या तकनीकी खराबी होने की वजह से लिफ्ट रुक जाती है तो नजदीकी लैंडिंग तल पर आकर दरवाजा आपने आप खुल जाएगा। लिफ्ट में पर्याप्त प्रकाश होगा और आपातकालीन घंटी भी। सार्वजनिक परिसरों में स्थापित सभी लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा।

 पीड़ितो को मिलेगा मुआवजा
नियम  के मुताबिक थर्ड पार्टी का बीमा करवाना होगा, जिससे कोई हादसा होने पर पीड़ित को भी मुआवजा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद ज़िले के लाखों लोगों को मिलने वाला है। दरअसल, ग़ाज़ियाबाद के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बता दें ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सैकड़ों हाउसिंग सोसाइटियों में हज़ारों की संख्या में लिफ़्ट लगी हुई है, जिनके रखरखाव और मैनेजमेंट को लेकर कोई नियम-कायदे नहीं हैं। इसी वजह से रोजाना इन शहरों में लिफ़्ट से जुड़े हादसे होते हैं। हालाँकि अब ऐसा नहीं होगा लिफ्ट या एस्केलेटेर के संचालन के दौरान दुर्घटना के कारण होने वाली जनहानि या पशुहानि या चोटिल होने की सूचना 24 घंटे के अंदर डीएम या स्थानीय पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देगी। डीएम विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट से दुर्घटना की जांच कराएंगे। जांच के आधार पर दुर्घटना में मृत या घायल व्यक्ति को स्वामी की ओर से वित्तीय क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

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