रायबरेली जेल में कैदियों की मिलेगी प्रोफेशनल एजुकेशन : कम्यूटर इंजीनियर जेल अधीक्षक ने बताई प्लानिंग

UPT | जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह

Oct 06, 2024 11:00

नवांगतुक जेल अधीक्षक ने जिला कारागर का पदभार संभाल लिया। कंप्यूटर साइंस से बीटेक ग्रेजुएट अमन कुमार सिंह की रायबरेली में यह पहली पोस्टिंग हुई है। कैदियों के रिहैबिलिटेशन के साथ साथ कम्प्यूटर शिक्षा के लिये विशेष कदम उठाए जाने की कही बात उन्होंने की है।

Raebareli News : रायबरेली जिला जेल के नए अधीक्षक अमन कुमार सिंह ने कार्यभार संभाल लिया। कार्यभार संभालने के दौरान जेलर हिमांशु रौतेला ने अपने सहकर्मियों के साथ अमन कुमार सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया। अमन कुमार सिंह ने बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग (स्टेट पीसीएस) की परीक्षा पास की और जेल अधीक्षक का पद प्राप्त किया। रायबरेली में यह उनकी पहली पोस्टिंग है।
 
अमन कुमार सिंह ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के चार स्तंभ होते हैं। पुलिस, प्रॉसीक्यूशन, कोर्ट व जेल। शुरुआत के जो तीन पिलर हैं उसमें रिहैबिलिटेशन का स्कोप कम होता है। जेल में कोई भी बंदी आता है तो उसका हम पुनर्सुधार कर सकते हैं और साथ ही रिहैबिलिटेशन और रिफॉर्म भी कर सकते हैं। जिससे कि वह जब जेल से छूटे तो वह सोसाइटी में जाकर फिर से शामिल हो सके। सोसायटी के लिए वह एक ह्यूमन कैपिटल का काम करें ना कि एक ह्यूमन थ्रेट का। 

 
रायबरेली जेल व्यवस्थाएं ठीक 
उन्होंने कहा कि रायबरेली जेल की बात की जाए तो हर जेल में एक समस्या रहती है कैदियों की अधिक संख्या। यहां कैदियों की अधिक संख्या होने की कोई प्रॉब्लम नहीं है। 900 क्षमता वाले इस जेल में 900 बंदी रह रहे हैं। इस जेल में कैदियों के भोजन व स्वास्थ्य संबंधित चीजों की व्यवस्थाएं ठीक हैं। हम लोग स्किल डेवलपमेंट पर काम करना चाहते हैं। जिसमें इनकी कंप्यूटर शिक्षा ऐसी रहे जिससे ये बाहर जाकर रोजगार पा सके। यह हमारे काम करने का मुख्य उद्देश्य रहेगा। ऐसे बंदियों को चिन्हित किया जाएगा। साथ ही इन्हें निशुल्क विधिक सेवा प्रदान की जा सके इसके लिए जेल में लीगल डिफेंस की सुविधा भी देना हमारी प्राथमिकता में रहेगा। 

डिजिटलाइजेशन की शिक्षा देंगे
अमन कुमार सिंह ने कहा कि यह चौथा औद्योगिक काल है। हम सबसे पहले अपने पास मौजूद कैदियों की पहचान करेंगे। जो लोग बुनियादी शिक्षा प्राप्त हैं, उनकी पहचान की जाएगी और यह देखा जाएगा कि उन्हें किस तरह की शिक्षा दी जा सकती है। एनजीओ और जो लोग कंप्यूटर शिक्षा के विशेषज्ञ हैं, उनके माध्यम से हम उन्हें बुनियादी स्तर की कंप्यूटर के साथ-साथ डिजिटलाइजेशन की शिक्षा भी देंगे। ताकि वे बाहर जाकर इसके माध्यम से रोजगार पा सकें।

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