एक दिन पहले हुए रिटायर : दूसरे दिन मिली बड़ी जिम्मेदारी, जानें कौन हैं UPSSSC के नए अध्यक्ष एसएन साबत

UPT | UPSSSC के नए अध्यक्ष एसएन साबत

Jan 02, 2025 23:26

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डॉ एसएन साबत को नियुक्त किया गया है...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डॉ एसएन साबत को नियुक्त किया गया है। उन्होंने 31 दिसंबर 2024 को पुलिस महानिदेशक (डीजी) के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इस नई जिम्मेदारी को स्वीकार किया। डॉ साबत 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी जो लखनऊ के आईजी जोन सहित कई जिलों में पुलिस कप्तान रह चुके हैं। उन्होंने अयोध्या और वाराणसी में एएसपी, आगरा, जालौन, मिर्जापुर और फतेहपुर में एसपी के तौर पर भी सेवा दी है।

काफी समय से खाली था अध्यक्ष पद
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के अध्यक्ष पद का खाली रहना काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ था। प्रवीण कुमार के रिटायर होने के बाद से यह सवाल उठ रहा था कि इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी। आयोग के अध्यक्ष का पद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीएसएसएससी की जिम्मेदारी राज्य में ग्रुप बी और ग्रुप डी की सभी भर्ती प्रक्रियाओं की निगरानी करना है, जिनमें कई महत्वपूर्ण भर्तियां लंबित पड़ी हुई हैं या कोर्ट में पेंडिंग हैं।



कौन हैं एसएन साबत?
एसएन साबत 1990 बैच के यूपी कैडर के एक प्रभावशाली पुलिस अफसर रहे हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक और महानिरीक्षक के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा, वे मटेरियल साइंस और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिग्री धारक हैं। उनका पुलिस करियर एएसपी के रूप में वाराणसी जिले से शुरू हुआ था और उन्होंने अलीगढ़ और अयोध्या में भी एएसपी के रूप में कार्य किया। वे जालौन, मिर्जापुर और वाराणसी में एसपी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में भी कार्यरत रहे। इसके अलावा, वे मिर्जापुर, कानपुर और बनारस में पुलिस उप-महानिरीक्षक के तौर पर भी सेवा में रहे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेलवे में भी उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक पद पर कार्य किया। 

एसएन साबत को आनंदीबेन पटेल ने किया था सम्मानित
एसएन साबत अपने कार्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अधिकारी रहे हैं। लखनऊ जोन में उनके कार्यकाल के दौरान एक रिकॉर्ड भी बना, जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा था। वे अपनी तत्परता और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध थे। किसी भी मामले में वे तुरंत कदम उठाते थे और शिकायतों या फाइलों को कभी लंबित नहीं होने देते थे। जरूरत पड़ने पर फोन करके भी समस्याओं का समाधान कर देते थे। उनके योगदान को हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी सम्मानित किया था।

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