यूपी में गुड़ से मिठास और रोजगार : योगी सरकार की पहल से 2.5 लाख लोगों को मिला काम, गन्ने से 'ग्रीन गोल्ड' बनने का सफर

UPT | Yogi Adityanath

Sep 06, 2024 16:57

हाल ही में आयोजित फार्म टू फोर्क समिट में गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. रसप्पा विश्वनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गुड़ से लगभग ढाई लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है...

Short Highlights
  • यूपी में गुड़ से बढ़ रहे रोजगार के अवसर
  • प्रदेश में ढाई लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर मिला रोजगार
  • गुड़ महोत्सव में प्रदर्शित किए गए 100 से अधिक उत्पाद
Lucknow News : गन्ने के औषधीय गुणों से भरपूर गुड़ न केवल लोगों को मिठास प्रदान करता है, बल्कि यह रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है। हाल ही में आयोजित फार्म टू फोर्क समिट में गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. रसप्पा विश्वनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गुड़ से लगभग ढाई लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है। यह रोजगार गन्ना प्रसंस्करण और गुड़ निर्माण से जुड़ा हुआ है।

गुड़ महोत्सव में प्रदर्शित किए गए 100 से अधिक उत्पाद
उत्तर प्रदेश के गुड़ की लोकप्रियता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने गुड़ को मुजफ्फरनगर और अयोध्या के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के रूप में घोषित किया और इसकी ब्रांडिंग के लिए मुजफ्फरनगर और लखनऊ में गुड़ महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव में 100 से अधिक प्रकार के गुड़ उत्पाद प्रदर्शित किए गए, जिनमें सोने और चांदी के वर्क लगे गुड़ भी शामिल थे, जिनकी कीमत प्रति किलोग्राम हजारों में थी।

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है गुण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार गन्ना किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे गन्ने का प्रसंस्करण कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाएं। इस प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप गुड़ से अब चॉकलेट, कैंडी, खीर और औषधीय महत्व की वस्तुएं तैयार की जा रही हैं, जो न केवल स्वाद में बेहतर हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं।



गुड़ में मिलते हैं कई पोषक तत्व
गुड़ में आयरन, पोटैशियम, विटामिन बी, फाइबर के साथ-साथ मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयगी होते हैं। आयरन के उच्च स्तर के कारण यह रक्ताल्पता से बचाव में मदद करता है, जबकि कैल्शियम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है। जबकि पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है और विटामिन बी ऊर्जा उत्पादन तथा तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता के लिए आवश्यक है।

गुड़ का सेवन पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा पर्याप्त होती है। इसके अलावा, गुड़ में मौजूद मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल्स शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक हैं। ये पोषक तत्व मिलकर संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

ग्रीन गोल्ड बनने की दिशा में है गन्ना
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही गन्ना किसानों के हित को प्राथमिकता दी है। पहले की सरकारों के समय गन्ने के बकाये की समस्याएं किसानों के लिए कष्टदायक थीं, लेकिन योगी सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान, उत्पादन, चीनी परता और महामारी के दौरान चीनी मिलों के संचालन में सुधार करके किसानों को राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री योगी के दूसरे कार्यकाल में गन्ना अब "ग्रीन गोल्ड" बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

गन्ना किसानों को 2.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान
अब तक योगी सरकार ने गन्ना किसानों को 2.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया है। गन्ना मूल्य भुगतान की पारदर्शी प्रक्रिया, प्रति कुंतल दाम में वृद्धि और खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार के कारण आने वाले समय में गन्ने की मिठास और बढ़ने की उम्मीद है। पहले गन्ना मूल्य के बकाये को लेकर विवाद होते थे, लेकिन योगी सरकार के आने के बाद से यह मुद्दा समाप्त हो गया है।

पुरानी मिलों का आधुनिकीकरण और नई मिलों का स्थापना
इतना ही नहीं, गन्ना मूल्य भुगतान के साथ ही योगी सरकार ने गन्ना उद्योग को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है पुरानी मिलों का आधुनिकीकरण और नई मिलों की स्थापना। इस दिशा में, सरकार ने लगभग दो दर्जन मिलों की क्षमता में वृद्धि की है। गोरखपुर के पिपराइच, बस्ती के मुंडेरा और बागपत के रमाला में अत्याधुनिक नई मिलों की स्थापना की है। यह कदम बसपा और सपा शासनकाल में बंद होने वाली 29 मिलों की याद में किए गए ऐतिहासिक प्रयासों के रूप में देखा जा सकता है।

100 घंटे के भीतर लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था
गन्ना पेराई को स्थानीय स्तर पर आसान बनाने के लिए सरकार ने खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया है। 25 साल बाद पहली बार, किसी सरकार ने 100 घंटे के भीतर ऑनलाइन लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू की है, जिससे पहले से चल रही इकाइयों को भी लाभ हुआ है। वर्तमान में, 284 से अधिक खांडसारी इकाइयों को लाइसेंस जारी किया जा चुका है, जिनकी पेराई क्षमता लगभग 15 चीनी मिलों के बराबर है।

मिलर्स के हितों का रखा ध्यान
सरकार ने गन्ना मिलों के साथ-साथ मिलर्स के हितों का भी ध्यान रखा है। विशेष रूप से, गोरखपुर के पिपराइच और बस्ती के मुंडेरा मिलों में सल्फर-मुक्त चीनी का उत्पादन शुरू किया गया है, जिससे मिलर्स को अधिक दाम मिल सके। इसके अलावा, मिलों को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए को-जेनरेशन प्लांट की स्थापना की जा रही है, जिससे उनके संचालन की लागत कम हो सकेगी।

चीनी मिलों को निरंतर चलाने का निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जब तक खेत में गन्ना उपलब्ध है, तब तक उस क्षेत्र की चीनी मिलों को निरंतर चलाया जाना चाहिए। इस नीति की वजह से गन्ने की खरीद में भी वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिल रही है और मिलों का संचालन सुनिश्चित हो रहा है। सरकार की इन नीतियों से गन्ना उद्योग में स्थिरता आई है और आने वाले समय में इस क्षेत्र की स्थिति और बेहतर होने की उम्मीद है।

गन्ना उत्पाद का प्रमुख राज्य है यूपी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में देश का सबसे प्रमुख राज्य है, जो राष्ट्रीय गन्ना रकबे का 51 प्रतिशत और उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रदान करता है। साथ ही, देश में कुल चीनी उत्पादन का 38 प्रतिशत भी यहीं से होता है। प्रदेश में कुल 520 चीनी मिलों में से 119 मिलें उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यहां लगभग 48 लाख गन्ना किसानों में से 46 लाख से अधिक किसानों का गन्ना इन मिलों को आपूर्ति किया जाता है। 

प्रदेश गन्ने से एथनॉल उत्पादन में भी शीर्ष स्थान पर 
उत्तर प्रदेश का चीनी उद्योग लगभग 6.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। इसके अलावा, प्रदेश गन्ने से एथनॉल उत्पादन में भी शीर्ष स्थान पर है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है, जिससे उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को भविष्य में और अधिक लाभ मिलने की संभावना है।

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