Lucknow News : सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ पं. रामकिंकर उपाध्याय रामकिंकर उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि, जानें क्या बोले

UPT | सीएम योगी भावांजलि' कार्यक्रम में हुए शामिल

Oct 23, 2024 19:37

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'भावांजलि' कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ और पद्मभूषण सम्मानित पं. रामकिंकर उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

Short Highlights
  • रामकिंकर जी का संपूर्ण जीवन विशिष्टता का प्रतीक
  • लीक से हटकार कार्य करने वाले व्यक्ति ही विशिष्ट 
Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'भावांजलि' कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ और पद्मभूषण सम्मानित पं. रामकिंकर उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सीएम ने पं. रामकिंकर जी के जीवन और उनके सनातन धर्म के प्रति समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन विशिष्टता का प्रतीक है।

महापुरुषों के योगदान को याद रखना हमारा दायित्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें महापुरुषों के योगदान को याद रखना चाहिए। पं. रामकिंकर जी का जीवन श्रीराम और तुलसी साहित्य के प्रति समर्पित था, और उनकी व्याख्याएं हमेशा सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी। उन्होंने यजुर्वेद का हवाला देते हुए महापुरुषों की विशेषताओं की चर्चा की और बताया कि रामकिंकर जी ने समाज को लीक से हटकर प्रेरणा दी।


उनकी कथाओं का लोगों पर गहरा असर
पं. रामकिंकर उपाध्याय की श्रीराम कथा की विशेष शैली की प्रशंसा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनकी कथाएं आम जनमानस और प्रमुख लोगों पर भी गहरा असर डालती थीं। उन्होंने 60 वर्षों तक मानस के माध्यम से सनातन धर्म की सेवा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं।

साकार हुआ 500 वर्षों का सपना
योगी आदित्यनाथ ने इस विशेष वर्ष को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह पं. रामकिंकर जी की जन्म शताब्दी का वर्ष है, जब 500 वर्षों के बाद श्रीरामलला अयोध्या में विराजमान हुए। यह महाकुंभ का अद्वितीय उदाहरण है और सीएम ने इसे रामकिंकर जी की श्रद्धा का प्रतीक बताया।

महापुरुषों की स्मृतियों को सहेजने की जरूरत
उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान पं. रामकिंकर जी की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की, और कहा कि उनकी कथाएं जनजागरण का कार्य करती थीं, जैसे तुलसीदास जी ने किया था। योगी ने कहा कि हमें महापुरुषों की स्मृतियों को सहेजने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरित हो सकें।

उनका जीवन साहित्य के प्रति समर्पित
कार्यक्रम के अंत में, मुख्यमंत्री ने पं. रामकिंकर उपाध्याय को भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन रामचरित मानस और तुलसी साहित्य के प्रति समर्पित था। उन्होंने प्रार्थना की कि प्रभु श्रीराम अपने भक्त की अमरता को आगे बढ़ाएं। इस कार्यक्रम में पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

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