भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय-अमेरिकी स्पेस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्रमुख एस्ट्रोनॉट के रूप में चुना है...
Aug 02, 2024 21:26
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय-अमेरिकी स्पेस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्रमुख एस्ट्रोनॉट के रूप में चुना है...
Lucknow News : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय-अमेरिकी स्पेस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्रमुख एस्ट्रोनॉट के रूप में चुना है। शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। हाल ही में उन्हें पदोन्नति भी प्राप्त हुई थी।
2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की तैयारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इंडो-यूएस मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट के रूप में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन किया है। शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है, और वे ISRO के सबसे युवा एस्ट्रोनॉट होंगे। हाल ही में भारत ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए चार एस्ट्रोनॉट्स का एलान किया था, जिनमें शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को 'मिशन गगनयान' के लिए चयनित किया था। भारत 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना बना रहा है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से शिक्षा प्राप्त की और 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना के फाइटर विंग में कमीशन हुए। शुभांशु लखनऊ के त्रिवेणीनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं और उनके पिता का नाम शंभूदयाल शुक्ला है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सीएमएस अलीगंज से हुई है। उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला Su-30 MKI,MiG-21, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और An-32 एयरक्राफ्ट उड़ा चुके हैं।
क्या है गगनयान मिशन
इन अधिकारियों को 'गगनयात्री' के नाम से जाना जाएगा। उनकी ट्रेनिंग अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू होगी। मिशन के दौरान, ये अधिकारी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर चयनित वैज्ञानिकों के साथ अनुसंधान और प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रयोग करेंगे। इसके साथ ही, वे अंतरिक्ष से जुड़े जन जागरूकता अभियानों में भी भाग लेंगे। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसे 2025 में लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन के तहत, 4 एस्ट्रोनॉट्स को 400 किलोमीटर ऊँचाई पर पृथ्वी की निम्न कक्षा (लोअर ऑर्बिट) में भेजा जाएगा। वे अंतरिक्ष में दो से तीन दिन बिताने के बाद, सुरक्षित रूप से हिंद महासागर में समुद्र के भीतर उतरेंगे।