यूपी में बनेंगी आधुनिक डेयरियां : दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी, 1015 लाख आएगा खर्च

UPT | यूपी में बनेंगी आधुनिक डेयरियां।

Oct 25, 2024 15:57

उत्तर प्रदेश में 'मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना' के तहत आधुनिक डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे दूध उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।

Short Highlights
  • मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के जरिए प्रदेश में 'दुग्ध क्रांति' लाएगी सरकार
  • उच्च गुणवत्ता वाली देशी गायों से दूग्ध उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में होगा सुधार
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में 'मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना' के तहत आधुनिक डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे दूध उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा। इसके लिए कुल 1015 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। हर इकाई पर लगभग 23.60 लाख का खर्च आएगा। 10 देशी गायों की क्षमता वाली हाइटेक डेयरी इकाइयों से गौ पालकों की आमदनी में इजाफा होगा। यह कदम प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने और गौ पालकों को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है।

यूपी में राष्ट्रीय औसत से कम दूध का उत्पादन
यूपी सरकार ने प्रति पशु दुग्ध उत्पादन के राष्ट्रीय औसत को बढ़ाने के लिए मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की है। दरअसल, उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख दूध उत्पादक राज्यों में से एक है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन की दृष्टि से राज्य राष्ट्रीय औसत से पीछे है। राज्य में वर्तमान में प्रति गाय औसतन 3.78 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कम है। वहीं, योजना के तहत योगी सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों की गायों का चयन कर हाइटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना का निर्णय किया है।

उच्च गुणवत्ता की देशी खरीदी जाएंगी
योजना के जरिये 10 गायों की क्षमता वाली हाइटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी। हर इकाई पर लगभग 23.60 लाख का खर्च आएगा, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का योगदान होगा। इन इकाइयों में केवल गिर, थारपारकर और साहीवाल जैसी उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्लों की गायें की खरीदी जाएंगी, जिनकी दूध उत्पादन क्षमता अधिक होती है। योजना के तहत चुनी गई गायों की नस्ल का मूल्यांकन उनकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा, जिससे अधिक दूध उत्पादन सुनिश्चित हो सके।

गौ पालकों को दिया जाएगा आधुनिक प्रशिक्षण 
योजना के तहत कैटल शेड और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। इन संरचनाओं में पफ पैनल का उपयोग होगा, जिससे मौसम के प्रतिकूल प्रभाव से पशुओं की सुरक्षा हो सकेगी और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। इसके अलावा गौ पालकों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे नए तकनीकी साधनों का उपयोग कर अपने पशुओं की देखभाल और प्रबंधन कर सकें। गौ पालन में तीन वर्ष का अनुभव रखने वाले योग्य किसानों का चयन किया जाएगा। ताकि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंच सके। योजना से छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ होगा। साथ ही किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से परिचित कराया जाएगा। इससे कम लागत में अधिक उत्पादन की संभावना बढ़ेगी।

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