UP News : विधायक बेदी राम और विपुल दुबे को एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका, आरोप तय

UPT | बेदी राम और विपुल दुबे।

Jul 27, 2024 00:30

बेदी राम आजमगढ़ की जखनिया विधानसभा सीट से सुभासपा विधायक हैं। वहीं विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से एमएलए हैं। रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में विधायक बेदी राम और विपुल दुबे समेत 18 के खिलाफ बीते दिनों गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

Lucknow News : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी राम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। इसके साथ ही बेदीराम और विपुल दुबे की डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। अब मामले में जल्द ही गवाही शुरू की जाएगी। ये केस भारतीय रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में सेंधमारी से संबंधित है। वर्ष में 2006 में पेपर लीक हुआ था। इस प्रकरण यूपी एसटीएफ ने 2006 में बेदीराम सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पेपर लीक के बाद यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के कृष्णा नगर कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की ​थी, इसे लेकर शुक्रवार को सभी 18 आरोपी की कोर्ट में पेशी थी।

बेदी राम विपुल दुबे सहित अन्य के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट 
बेदी राम आजमगढ़ की जखनिया विधानसभा सीट से सुभासपा विधायक हैं। वहीं विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से एमएलए हैं। रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में विधायक बेदी राम और विपुल दुबे समेत 18 के खिलाफ बीते दिनों गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इनमें विधायक बेदी राम, विधायक विपुल दुबे, शिव बहादुर सिंह, दीनदयाल, संजय श्रीवास्तव, अवधेश सिंह, कृष्ण कुमार, मनोज कुमार मौर्य, शैलेश कुमार सिंह, रामकृपाल सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद कुमार सिंह, कृष्णकांत, धर्मेंद्र कुमार, रमेश चंद्र पटेल, मोहम्मद असलम, सुनील कुमार और अख्तर हुसैन शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने आरोपियों के अदालत में हाजिर नहीं होने पर यह वारंट जारी किया। 

कृष्णानगर पुलिस को वारंट तामील कराने का दिया था आदेश 
इस प्रकरण में कोर्ट ने लखनऊ के कृष्णानगर इंस्पेक्टर को 26 जुलाई तक गिरफ्तारी वारंट तामील करने का आदेश दिए थे। एसटीएफ ने फरवरी 2000 में बेदी राम और विपुल दुबे को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी की परीक्षा का प्रश्न पत्र बरामद होने का दावा किया था। जांच के बाद पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

बेदी राम पर पेपर लीक को लेकर कई मुकदमे दर्ज 
बेदी राम के 2022 में निर्वाचन आयोग के समक्ष दिए हलफनामे के अनुसार उन पर 2006 में लखनऊ के थाना कृष्णानगर में रेलवे भर्ती परीक्षा लीक का पहला मुकदमा हुआ था और अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रेलवे भर्ती के पांच, पुलिस भर्ती का एक और एमपीपीसीएस के दो मामले दर्ज हैं। वर्ष 2009 में जयपुर में एसओजी ने रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में बेदी राम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का पेपर लीक करने के मामले में भी एसटीएफ भोपाल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। इसी तरह 2006 में रेलवे का पेपर लीक करने के मामले में लखनऊ के थाना कृष्णानगर में बेदीराम पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जा चुका है। इसके बाद 2008 में रेलवे का पेपर लेकर आने में गोमती नगर थाने में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। वर्ष 2014 में पेपर लीक करने के मामले में भी आशियाना में बेदी राम पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं 2014 में एसटीएफ गैंगस्टर एक्ट में बेदी राम की लखनऊ और जौनपुर की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। साल 2010 में भी जौनपुर के मड़ियाहूं में बेदी राम पर पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।

वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए बेदी राम, बाद में दी सफाई 
विधायक बेदी राम बीते माह वायरल वीडियो का लेकर विवादों में आ गए थे। इसमें एक वीडियो में पर्चा लीक का आरोपी विजेंद्र बेदी राम को पर्चा लीक का सरगना बता रहा है। गाजीपुर के बताए गए दूसरे वीडियो में एक युवक बेदी राम से भर्ती करने के लिए दिए अपने रुपए मांग रहा है, जिस पर उनकी ओर से न केवल रुपए देने से इनकार किया जा रहा है, बल्कि तमाम भर्ती घोटाले में अपनी संलिप्तता भी खुले आम बताई जा रही है। वायरल वीडियो में सुभासपा विधायक बेदी राम यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि वह पास कराने का पैसा लेते हैं, पेपर रद्द हो जाए तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। रिजल्ट निकला और हमारा काम खत्म। इस वीडियो के वायरल होने के बाद बेदी राम को लेकर कई सवाल उइने लगे। हालांकि, बाद में वायरल वीडियो को बेदी राम ने सही नहीं बताते हुए अपनी सफाई दी थी। उन्होंने कहा कि एआई तकनीक के जरिए इसे बनाया गया है, इसमें सत्यता नहीं है। विधायक ने अपने पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था।

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