Lucknow News : लखनऊ में मोहर्रम का आगाज, आज निकलेगा पहला जुलूस

UPT | मोहर्रम का जुलूस निकला।

Jul 09, 2024 00:33

लखनऊ में मोहर्रम की शुरुआत हो गई है। इमाम हुसैन की याद में कई जुलूस निकालकर शिया समुदाय के लोग मातम करते हैं। बच्चे, बुजुर्ग सभी बड़ी संख्या में इन जुलूसों में पहुंचकर इमाम हुसैन को अपनी अकीदत पेश करते हैं। साथ ही महिलाएं भी शामिल होती हैं।

Lucknow News :  पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की याद में मनाया जाने वाले मोहर्रम का आगाज हो गया है। सोमवार रात पहली मोहर्रम का शाही जुलूस अपने रिवायती अंदाज में बड़े इमामबाड़े से निकाला जाएगा। प्रशासन ने मोहर्रम और कांवड़ यात्रा को देखते हुए सख्त बंदोबस्त किए है। जमीन से लेकर आसमान तक कैमरों से जुलूस की निगरानी की जाएगी।

सोमवार 8 जुलाई से मोहर्रम महीने का आगाज हो गया है। इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मोहर्रम महीने से शुरू होता है। हालांकि इतिहास में इसी महीने में कर्बला की जंग हुई, जिसमें नवासे रसूल इमाम हुसैन को शहीद किया गया। इस लिहाज से यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास हो जाता है। शिया समुदाय दो महीने दस दिन तक इमाम हुसैन का गम मनाता है जिसकी शुरुआत पहली मोहर्रम ही से होती है। 

बड़े इमामबाड़े से निकलेगा जुलूस
आज पहली मोहर्रम की देर शाम लखनऊ के ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े से शाही जुलूस निकाला जाता है। यह जुलूस अपने रिवायती अंदाज में चलकर छोटे इमामबाड़े पर देर रात समाप्त होता है। इस जुलूस में लखनऊ ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से शिया समुदाय के लोग शामिल होते हैं।

आजादारी का मरकज बना लखनऊ
नवाबों की नगरी लखनऊ में कई ऐतिहासिक जुलूस निकलते है। देश प्रदेश से शिया समुदाय के लोग लखनऊ पहुंचकर मोहर्रम मनाते हैं। इसीलिए लखनऊ को आजादरी का मरकज (केंद्र) कहा जाता है। महिलाएं और छोटे बच्चे भी इमाम हुसैन की याद में देर रात तक नंगे पैर तमाम जुलूस में शिरकत करते हैं और पूरे महीने मजलिसों का दौर चलता है। लखनऊ में मोहर्रम का इतिहास नवाबी दौर से चला आ रहा है। ऐसे में शिया समुदाय के लिए लखनऊ में मोहर्रम मनाना बेहद खास हो जाता है।

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