सीएम योगी ने किया महाकुंभ 2025 के लोगो का उद्घाटन : सभी धर्मिक स्थलों और सनातन परंपराओं को मिली जगह, यूनेस्को से मिली मेले को मान्यता

UPT | सीएम योगी ने किया महाकुंभ 2025 के लोगो उद्घाटन

Oct 06, 2024 15:54

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए नए लोगो, वेबसाइट और मोबाइल ऐप का अनावरण किया।

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए नए लोगो, वेबसाइट और मोबाइल ऐप का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ-25 का लोगो न केवल धार्मिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि इसमें आर्थिक समृद्धि का संदेश भी छिपा हुआ है। महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ राज्य की आर्थिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करेगा।

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ऐसा दिखता है लोगो
महाकुंभ-25 के लोगो में अमृत कलश, अक्षयवट, संगम की सैटेलाइट छवि और हनुमान जी की आकृति को उकेरा गया है, जो सनातन सभ्यता, मानवता और प्रकृति के बीच के अद्वितीय संगम को दर्शाता है। यह लोगो आत्म जागृति और जनकल्याण के साथ धार्मिक धरोहर का एक अनूठा प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य तरीके से आयोजित करने का उद्देश्य राज्य की धार्मिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रकट करना है, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु यहां आकर अपनी आस्था को पुष्ट करें।
  धार्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक लोगो
महाकुंभ 2025 का लोगो बहुरंगी और बहुआयामी है, जिसमें समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दर्शाया गया है। यह कलश धार्मिक समृद्धि का प्रतीक है, जो पाप और पुण्य का बोध कराता है। लोगो में तीन प्रमुख देवताओं की उपस्थिति को भी दर्शाया गया है—भगवान विष्णु, भगवान रूद्र और भगवान ब्रह्मा, जो कलश के मुख, गर्दन और आधार को प्रतीकात्मक रूप से दिखाते हैं। इसके अलावा, सभी देवियों और संपूर्ण सागर के रूप में भी अमृत कलश की मध्य भाग की संरचना दिखाई गई है। महाकुंभ के इस लोगो में संगम का सजीव चित्रण भी शामिल किया गया है, जिसमें गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम स्पष्ट रूप से नजर आता है। इस सैटेलाइट छवि के जरिए नदियों के जीवनदायिनी प्रवाह को भी दर्शाया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से आस्था और शक्ति का प्रतीक है।



सभी धर्मिक स्थलों और सनातन परंपराओं को मिली जगह
लोगो में प्रयागराज के किनारे स्थित सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और सनातन धर्म की परंपराओं को भी शामिल किया गया है। इसमें महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में आने वाले साधु-संतों को भी जगह दी गई है। एक साधु द्वारा महाकुंभ के लिए शंखनाद करते हुए और दो साधुओं को प्रणाम की मुद्रा में दिखाया गया है, जो इस धार्मिक आयोजन की महत्ता को उजागर करता है।

आर्थिक समृद्धि का संदेश भी छिपा है लोगो में
महाकुंभ 2025 का लोगो धार्मिक और आध्यात्मिक समृद्धि के साथ-साथ आर्थिक उन्नति का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर विकास की राह पर अग्रसर है, और महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगो में दर्शाए गए कलश को आर्थिक समृद्धि का प्रतीक माना गया है, जिससे संकेत मिलता है कि महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक वृद्धि के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। 

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यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त महाकुंभ
गौरतलब है कि यूनेस्को ने महाकुंभ मेले को 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' के रूप में मान्यता दी है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े शांतिपूर्ण आयोजनों में से एक बनाता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव को दर्शाता है। यह आयोजन दुनिया भर के श्रद्धालुओं को एकजुट करने का एक अनूठा अवसर है, जो समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश फैलाता है। 

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