UP New Toll Plaza : यूपी के इन चार शहरों में शुरू होगा नया टोल सिस्टम , 20 साल तक करेंगे वसूली

UPT | UP New Toll Plaza

Jun 22, 2024 14:37

राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने यूपी, ओडिशा और तमिलनाडु में 800 किलोमीटर के लंबे हाईवे को 20 साल के लिए एक निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है। इन हाईवे को 'हाईवे मोनेटाइजेशन स्कीम' के तहत...

Short Highlights
  • NHAI ने 800 किलोमीटर लंबे हाईवे को एक निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया
  • 20 साल तक हाईवे पर टोल वसूलने की अनुमति होगी
  • यह नया सिस्टम यूपी के बड़े शहरों के बीच आने-जाने को प्रभावित करेगा
Lucknow News : उत्तर प्रदेश के नागरिकों को एक नए टोल सिस्टम का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने यूपी, ओडिशा और तमिलनाडु में 800 किलोमीटर के लंबे हाईवे को 20 साल के लिए एक निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है। इन हाईवे को 'हाईवे मोनेटाइजेशन स्कीम' के तहत टोल ऑपरेट ट्रांसफर (ToT) के जरिये निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा, जिन्हें अगले 20 साल तक हाईवे पर टोल वसूलने की अनुमति होगी।

इन चार शहरों पर पड़ेगा असर
यूपी में इस ToT स्कीम के अंतर्गत कुल 333.4 किलोमीटर के हाईवे शामिल हैं। जिन्हें दो सेक्शन में बांटा गया है। यानी कि पहला कानपुर-लखनऊ-अयोध्या और दूसरा अयोध्या-गोरखपुर है। यह नया सिस्टम यूपी के बड़े शहरों के बीच आने-जाने को प्रभावित करेगा, जिसके तहत अब यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान टोल चुकाना होगा। 

क्या है उद्देश्य?
इस नई पहल का उद्देश्य हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास और सुधार करना है, जिससे सड़कों की गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार हो सके।  साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि इससे वाहनों की गति और सुरक्षा में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को समय बचाने में मदद मिलेगी। वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के मुताबिक, यह ToT स्कीम पिछले साल भी लागू की गई थी, जिसमें अन्य क्षेत्रों के भी हाईवे निजी कंपनियों को सौंपे गए थे। 

इस बार इस स्कीम के अंतर्गत नीलामी की बोलियां मंगाई गई हैं, जिसमें ओडिशा और तमिलनाडु के भी हाईवे शामिल हैं। ओडिशा में एनएचएआई चंडीखोल-भद्रक और पानीखोली-रिमूली सेक्शन और तमिलनाडु में त्रिची-तंजावुर और मदुरै-तूतीकोरिन सेक्शन के कुल 184.5 किलोमीटर हाईवे को नीलामी के लिए पेश किया जाएगा। इन हाईवे का मिलकर आकार 468.3 किलोमीटर होगा, जिन्हें समय के अनुसार निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा।

54 हजार करोड़ का निवेश
विश्लेषकों की मानें तो हाईवे के मोनेटाइजेशन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर रहती है। NHAI के इस पहल से साथ ही, भारतीय सड़क नेटवर्क में इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती और सुधार होने की उम्मीद है। यह स्कीम वित्तीय रूप से भी महत्वपूर्ण है, जिससे NHAI को आने वाले वर्षों में अधिक आय प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस साल NHAI का लक्ष्य 54,000 करोड़ रुपये का हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करने का है, जिसमें ToT के माध्यम से 46,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।

पिछले साल 15,968 करोड़ रुपये में सौंपा गया
साल 2023 में 4 सेक्शन को लगभग 15,968 करोड़ रुपये में निजी कंपनियों को दिया गया था। इन पर टोल वसूलने का काम केकेआर की अगुवाई वाली हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट, क्यूब हाईवे, आईआरबी इन्फ्रा ट्रस्ट, अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी फंड, नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इन्फ्रा ट्रस्ट और अडाणी समूह करता है। इस पहल के जरिए, NHAI ने सुनिश्चित किया है कि सड़कों की सुरक्षा, गुणवत्ता और सेवाओं में सुधार हो, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा का मौका मिले। यह पहल न केवल सड़क सुधार को बढ़ावा देगी, बल्कि वित्तीय स्थिरता में भी मदद करेगी, जिससे देश की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में गहराई से सुधार होगा।

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