योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हर जनपद के दो केजीबीवी विद्यालयों में लागू किया जाएगा। सफलता मिलने पर इसका विस्तार पूरे प्रदेश में अन्य विद्यालयों तक किया जाएगा। इस योजना के जरिए पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।