UP Paper Leak Case : यूपी पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड रवि अत्री और सुभाष प्रकाश को ED ने कस्टडी में लिया

UPT | प्रतीकात्मक फोटो।

Nov 19, 2024 22:44

रवि अत्री पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का करीबी था। उसका सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में अहम रोल था। वहीं, सुभाष प्रकाश राजीव मिश्रा का फाइनेंस हैंडलर था।

UP Paper Leak Case : यूपी पुलिस के सिपाही भर्ती परीक्षा और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की गई आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के दो मास्टरमाइंड आरोपियों रवि अत्री और सुभाष प्रकाश को ईडी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। ईडी के स्पेशल कोर्ट ने दोनों आरोपियों की कस्टडी मंजूर कर ली है।

यूपी एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक रवि अत्री पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का करीबी था। उसका सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में अहम रोल था। वहीं, सुभाष प्रकाश राजीव मिश्रा का फाइनेंस हैंडलर था। यूपी एसटीएफ ने सुभाष और रवि को गिरफ्तार किया था। लेकिन अब ईडी ने पीएमएलए एक्ट केस में उनकी कस्टडी ली है।

ऐसे हुआ था पेपर लीक का खुलासा
इसी मामले में यूपी एसटीएफ ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा सहित 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। एसटीएफ की विवेचना में लगाए गए सभी आरोप सही मिले थे। इस मामले में एसटीएस ने 55 पेज का आरोप पत्र और 1945 पेज की केस डायरी कोर्ट में पेश की थी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा 11 फरवरी 2024 को आयोजित किया गया, जिसे पेपर लीक के चलते रद्द कर दिया गया था। एसटीएफ ने पेपर लीक का खुलासा किया था। पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ था। पहला, भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई थी। जबकि दूसरा, प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया। इसके बाद आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से 2 मार्च को सिविल में लाइंस थाने में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं दर्ज रिपोर्ट कराई गई थी।

एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों से पेपर लीक नेटवर्क का खुलासा हुआ। जिन दो बड़ी परीक्षाओं सिपाही भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर लीक हुए वो दोनों ही पेपर राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने ही करवाए थे। हर परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ था। 

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