प्रभात पांडेय मौत मामला : अजय राय ने दर्ज कराए बयान, जांच में सहयोग नहीं मिलने का आरोप, पीड़ित परिवार को 10 लाख की दी मदद

UPT | Ajay Rai

Dec 23, 2024 16:42

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि साफ नजर आ रहा है​ कि पुलिस दबाव में है। सिर्फ कांग्रेस को नोटिस जारी करने का काम किया गया है। तथ्य सामने लाने के बजाय चीजों को केवल घुमाया जा रहा है। मुझझे पूछताछ के दौरान भी बातों को घुमाया गया। उन्होंने कहा कि घूमा फिराकर केवल एक ही बातें पूछी जा रही हैं।

Lucknow News : कांग्रेस के विधानभवन घेराव कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर के यूथ विंग के प्रदेश महासचिव प्रभात पांडेय की मौत के मामले में पार्टी नेताओं ने पुलिस पर जांच सही दिशा में नहीं करने क आरोप लगाए हैं। इस प्रकरण में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को हुसैनगंज थाने में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो-जो चीजें हमसे मांगी हमने उपलब्ध करा दी हैं लेकिन हमें जो सहयोग मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। उनके साथ अमेठी से सांसद किशोरी लाल शर्मा, सांसद राकेश राठौर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, निवर्तमान प्रदेश महासचिव प्रभारी संगठन अनिल यादव भी कोतवाली पहुंचे।

लखनऊ पुलिस की नोटिस के बाद बयान देने पहुंचे अजय राय
अजय राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लखनऊ पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था। राजधानी से बाहर चित्रकूट में कांग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण कार्यक्रम में होने के कारण उन्होंने बयान दर्ज कराने के लिए दो दिन का वक्त मांगा था। इसके बाद वह आज अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे। करीब दो ढाई घंटे पुलिस ने उनका बयान लिया और जो भी सवाल किए, उसका जवाब दिया गया। अजय राय ने कहा कि हमने पुलिस से कहा है कि जांच किसी के दबाव में नहीं नहीं होनी चाहिए। जो भी सही तथ्य हैं, वह सभी के सामने आने चाहिए और हमारी यही मांग है कि परिवार और कांग्रेस पार्टी को न्याय मिलना चाहिए।



जांच से संतुष्ट नहीं कांग्रेस
अजय राय ने कहा कि अभी तक की जांच से असंतुष्ट होने की भी बात कही। उनहोंने कहा कि सारी चीजें लीक हो रही हैं। सारी चीज मीडिया के सामने आ रही हैं। कांग्रेस पार्टी की ओर से पहले से ही सभी चीजें उपलब्ध करा दी गई हैं। डीवीआर की कॉपी दे दी गई है। सीसीटीवी फुटेज हम लोगों ने उपलब्ध करा दी है। हमसे जो भी सहयोग मांगा गया, हमने वह किया है। लेकिन, अभी तक एकतरफा कार्रवाई नजर आ रही है।

पुलिस पर दबाव में काम करने का आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि साफ नजर आ रहा है​ कि पुलिस दबाव में है। सिर्फ कांग्रेस को नोटिस जारी करने का काम किया गया है। तथ्य सामने लाने के बजाय चीजों को केवल घुमाया जा रहा है। मुझझे पूछताछ के दौरान भी बातों को घुमाया गया। उन्होंने कहा कि घूमा फिराकर केवल एक ही बातें पूछी जा रही हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान वह स्वयं पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए। उन्हें पुलिस ने जूते से दबाया, वह बेहोश तक हो गए। जब उनके साथ ऐसा हो सकता है, तो प्रभात पांडेय के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा।

परिवार को 10 लाख की मदद, प्रभात पांडेय की बहन का कन्यादान करेगी कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने वादे के मुताबिक पीड़ित परिवार को 10 लाख की आर्थिक मदद प्रदान की है। प्रभात पांडेय के पिता को ये धनराशि मुहैया कराई गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उनसे मुलाकात और बातचीत की है। प्रभात पांडेय की बहन की शादी का जिम्मा भी कांग्रेस ने उठाया है। इसके लिए पार्टी उनकी पूरी मदद करेगी और कन्यादान भी करेगी। हम अपनी जिम्मेदारी को आगे भी निभाएंगे।

पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के कर्मचारियों के लिए बयान
इस बीच इस प्रकरण में पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है। पुलिस की टीमें घटनास्थल का निरीक्षण कर चुकी हैं। इस दौरान प्रभात के चाचा मनीष पांडेय भी पुलिस टीम के साथ मौजूद थे। पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय का सील किया गया कमरा नंबर 30 खोला और दफ्तर के कर्मचारियों से पूछताछ की। कर्मचारियों ने बताया कि प्रभात को तबीयत बिगड़ने पर कमरे में गद्दे पर लिटाया गया था। पुलिस ने सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और प्रभात के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया। फोन के डाटा को खंगालने का काम जारी है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि प्रभात को कांग्रेस कार्यालय में किसके कहने पर बुलाया गया था।

एसआईटी कर रही मामले की जांच
मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है। एसआईटी प्रभात के मोबाइल फोन की चैट और मैसेज का विश्लेषण कर रही है, ताकि पता चल सके कि प्रदर्शन में उन्हें बुलाने वाले लोग कौन थे। हालांकि, अभी तक जांच में इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है। गोरखपुर निवासी प्रभात पांडेय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लखनऊ के एमिटी यूनिवर्सिटी के पास पीजी में रह रहे थे। बीते बुधवार को प्रदर्शन के दौरान प्रभात कांग्रेस कार्यालय में बेहोश पाए गए। उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रभात के चाचा मनीष पांडेय ने हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। उनका आरोप है कि उनके भतीजे की मौत सामान्य नहीं है और इसमें किसी साजिश का शक है।

मोबाइल फोन के डाटा को खंगाल रही टीम
पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रभात को प्रदर्शन में बुलाने वाले लोग कौन थे। इसके लिए पुलिस उनके मोबाइल फोन के डाटा को गहराई से खंगाल रही है। प्रभात की चैट्स और मैसेज के जरिए यह जानकारी जुटाई जा रही है कि वह प्रदर्शन स्थल तक कैसे पहुंचे। इस घटना ने प्रदेश में राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने इसे अपने कार्यकर्ता के लिए न्याय की लड़ाई बताया है, जबकि पुलिस मामले की तह तक पहुंचने का दावा कर रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का कहना है कि इस मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वहीं, समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं।
 

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