राहुल गांधी के बयान पर सियासत : मिस इंडिया की लिस्ट में दलित, आदिवासी और ओबीसी नहीं, बीजेपी ने किया पलटवार

UPT | Rahul Gandhi

Aug 25, 2024 15:32

'संविधान सम्मान सम्मेलन' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि मिस इंडिया प्रतियोगिता की विजेताओं की सूची में कोई भी दलित, आदिवासी या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिला नहीं है...

Short Highlights
  • राहुल गांधी ने मिस इंडिया की लिस्ट को लेकर किया दावा
  • बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी
  • बीजेपी नेता ने राहुल गांधी के बयान को 'बालक बुद्धि' की राजनीति करार दिया
Lucknow News : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। 'संविधान सम्मान सम्मेलन' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि मिस इंडिया प्रतियोगिता की विजेताओं की सूची में कोई भी दलित, आदिवासी या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिला नहीं है। उन्होंने यह टिप्पणी देशव्यापी जाति जनगणना की मांग के समर्थन में की। राहुल ने आगे कहा कि यही स्थिति क्रिकेट, बॉलीवुड और मीडिया जैसे अन्य क्षेत्रों में भी है, जहां उनके अनुसार 90 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं है।

बीजेपी का पलटवार
वहीं राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल के दावे को 'विभाजनकारी' और 'झूठ से भरा' बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए याद दिलाया कि मात्र दो साल पहले छत्तीसगढ़ की एक आदिवासी युवती, रिया एक्का ने मिस इंडिया का खिताब जीता था। इसके अलावा, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के बयान को 'बालक बुद्धि' की राजनीति करार दिया।



केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने दी प्रतिक्रिया
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि लगता है अब राहुल गांधी मिस इंडिया प्रतियोगिताओं, फिल्मों और खेलों में भी आरक्षण चाहते हैं। रीजीजू ने इसे केवल 'बाल बुद्धि' का मामला नहीं माना, बल्कि उन लोगों को भी जिम्मेदार ठहराया जो राहुल का उत्साहवर्धन करते हैं।

महाशक्ति कैसे बन सकते हैं- राहुल
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान देश की प्रमुख मीडिया पर कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया कि 'वे दावा करेंगे कि मोदीजी ने किसी को गले लगाया और इससे हम महाशक्ति बन गए। जब 90 प्रतिशत लोगों की कोई भागीदारी नहीं है, तो फिर हम महाशक्ति कैसे बन सकते हैं?' इस विवाद ने एक बार फिर भारतीय समाज में जाति और प्रतिनिधित्व के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। खासकर जब देश में जाति जनगणना का मुद्दा पहले से ही गरमाया हुआ है।

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