RTE : यूपी में 1.65 लाख बच्चों में से महज 72000 को एडमिशन, अब स्कूलों को नोटिस भेजकर होगी कार्रवाई

UPT | शिक्षा का अधिकार।

Jul 09, 2024 00:42

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि विद्यालय स्तर पर आवंटित छात्रों के प्रवेश में कई समस्याएं आ रही हैं। इनमें चयनित बच्चों के अभिभावकों से अनावश्यक अभिलेख, दस्तावेज की मांग की जा रही है।

Short Highlights
  • महानिदेशक, स्कूल शिक्षा ने सभी जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
  • दाखिला नहीं देने वाले स्कूलों पर लिया जाएगा एक्शन
Lucknow News : प्रदेश में Right to education (शिक्षा का अधिकार) के तहत बच्चों को नि:शुल्क दाखिले में स्कूल प्रबंधन आनाकानी कर रहे हैं। अभी तक लक्ष्य के अनुरूप बच्चों को दाखिला नहीं दिया गया है। इसे लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने शैक्षिक सत्र 2024-25 में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत विद्यालयों में आवंटित बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन कराये जाने को कहा है। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

स्कूल गलत कारणों का हवाला देकर नहीं दे रहे आरटीई में दाखिला
पत्र में कहा गया है कि शैक्षिक सत्र 2024-25 में विभिन्न जनपदों में अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 165544 बच्चों को आस-पड़ोस के गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों की प्री-प्राइमरी कक्षा-1 में सीट आंवटित हुई है। मुख्यालय स्तर पर की गयी समीक्षा में सामने आया है कि कुल आवंटन 165544 की तुलना में अब तक मात्र 72044 विद्यार्थियों का ही नामांकन कराया गया है। कंचन वर्मा ने कहा है कि जनपद स्तर से लगातार मिल रही शिकायतों से यह सामने आया है कि कुछ विद्यालय गलत कारणों को आधार बनाते हुए आरटीई एक्ट, 2009 के अनुपालन में विभाग की ओर से जारी किये गये, शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं। लाटरी प्रकिया में आवंटित अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को प्रवेश नहीं देकर निःशुल्क शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।

अभिभावकों से अनावश्यक दस्तावेज की मांग 
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि विद्यालय स्तर पर आवंटित छात्रों के प्रवेश में कई समस्याएं आ रही हैं। इनमें चयनित बच्चों के अभिभावकों से अनावश्यक अभिलेख, दस्तावेज की मांग की जा रही है। चयनित बच्चों की पात्रता को जांचने के लिए संबंधित अभिभावकों के घर का भौतिक सत्यापन को लेकर भी दिक्कत है। इसके साथ ही निःशुल्क शिक्षा के लिए आवंटन के बाद भी विद्यालय प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क, भवन शुल्क, इलेक्ट्रिसिटी शुल्क, आईडी कार्ड फीस, सिक्योरिटी शुल्क, वार्षिक शुल्क जैसे आधारहीन खर्चा का उल्लेख कर अभिभावकों से धनराशि की मांग की जा रही है।

आवंटन सूची में नाम आने के बाद भी दी जा रही गलत जानकारी
पत्र में कहा गया है कि आवंटन सूची में नाम आने के बाद भी अभिभावकों को गलत जानकारी दी जा रही है। उनसे कहा जा रहा है कि आपके बच्चे का नाम सूची में नहीं है। इसलिए प्रवेश नहीं लिया जा सकता। इसके साथ ही ये भी दलील दी जा रही है कि आपके बच्चे के प्रवेश के लिए विद्यालय को विभाग की ओर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं संबंधित अभिभावक का वार्ड और विद्यालय का वार्ड एक नहीं होने का भी गलत तर्क दिया जा रहा है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने मामले को बताया गंभीर
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि इस प्रकार कई स्कूल आरटीई एक्ट, 2009 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। इस तरह चयनित बच्चों को प्रवेश से गलत तरीके से वंचित किया जा रहा है। यह गंभीर एवं चिंताजनक स्थिति है। ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध नोटिस जारी करते हुए आरटीई एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन सख्ती से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 

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