शैल उत्सव का आगाज : लखनऊ में पांच राज्यों के मूर्तिकारों का जमावड़ा, पत्थर बना कैनवास, विचार लेने लगे आकर

UPT | शैल उत्सव का आगाज

Oct 14, 2024 22:42

आठ दिवसीय अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर का शुभारंभ सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से नगर के वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग परिसर में किया गया।

Lucknow News : आठ दिवसीय अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर का शुभारंभ सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से नगर के वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग परिसर में किया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रदेश के वरिष्ठ मूर्तिकार पांडेय राजीवनयन ने एक पत्थर पर छेनी से उत्कीर्ण करके किया। उन्होंने सभी दस कलाकारों को शिविर में भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दीं। 

जीवन में मूर्तिकला का सम्बंध पुरातन काल से
राजीवनयन ने कहा कि हमारे जीवन में मूर्तिकला का सम्बंध पुरातन काल से है। इस प्रकार के शिविर कार्यशाला होते रहने चाहिए। इससे आम जनमानस और नए उभरते कलाकारों, छात्रों को एक ऊर्जा मिलती है साथ ही बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। उन्होंने कहा कि वास्तुकला में यह शिविर का होना बड़े ही गर्व का विषय है। इस शिविर में बने मूर्तिशिल्प लखनऊ के सौंदर्य में एक मील का पत्थर साबित होंगे। राजीवनयन पांडेय ने कहा कि ऐसे शिविर का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों और उनकी कला से परिचित होने और उन कलाकारों के विचारों से अवगत होना होता है। 



इन ​मूर्तिकारों की दिखेगी कला
शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल ने बताया कि देश के पांच राज्यों (नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात) से 10 समकालीन मूर्तिकार पुरुष और महिला शिविर में पहुंचे हैं। इनमें लखनऊ (यूपी) से गिरीश पांडेय, अजय कुमार, अवधेश कुमार, मुकेश वर्मा, बिहार की राजधानी पटना से पंकज कुमार, दिल्ली से शैलेश मोहन ओझा, राजेश कुमार, सन्तो कुमार चौबे, गुजरात के सूरत से अवनी पटेल, अहमदाबाद से निधी सभाया और 6 कार्वर (सहयोगी कलाकार) राजस्थान से शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस शिविर की तैयारी पिछले एक साल से कर रहे थे जो आज साकार हो रहा है। इसके लिए विशेष रूप से लखनऊ विकास प्राधिकरण का सहयोग महत्वपूर्ण है। साथ ही वास्तुकला एवं योजना संकाय भी सहयोग कर रहा है।

प्रकृति पर मूर्तिशिल्प करेंगे सृजित 
शिविर के कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि यह शिविर वास्तुकला और योजना संकाय में आठ दिनों तक चलेगा। यहां सभी कलाकार अपने विचारों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए रात दिन कार्य करेंगे और प्रकृति विषय पर एक-एक मूर्तिशिल्प सृजित करेंगे। उद्घाटन अवसर पर शिविर के अन्य सदस्य धीरज यादव, रत्नप्रिया, हर्षित सिंह, शैलेंद्र कुमार सहित कला के छात्र उपस्थित रहे। 
 

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