यूपी में मिशन शक्ति के तहत 4.90 लाख बालिकाओं को मिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण : सुरक्षा-हिंसा से जुड़े कानूनों की दी गई जानकारी

UPT | मिशन शक्ति कार्यक्रम

Oct 14, 2024 20:05

वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र 2024-25 के अंतर्गत अब तक 4.90 लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है, और 32 लाख से ज्यादा बालिकाओं ने इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार के चलाए गए मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत प्रदेश की बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के उद्देश्य से वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा के उपायों से सशक्त बनाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।

लाखों बालिकाओं को प्रशिक्षण 
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र 2024-25 के अंतर्गत अब तक 4.90 लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है, और 32 लाख से ज्यादा बालिकाओं ने इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है। इससे पहले 2023-24 सत्र में इस कार्यक्रम के माध्यम से 24 लाख 08 हजार 736 बालिकाओं को पंजीकरण किया गया था। इनमें से 16 लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए गए थे। सरकार की यह पहल प्रदेश की बालिकाओं को न केवल आत्मरक्षा में सक्षम बनाने की कोशिश कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का भी लक्ष्य है।



नवरात्रि में विशेष अभियान
इस वर्ष नवरात्र के अवसर पर सरकार ने इस अभियान को और भी व्यापक रूप से चलाया। 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक आयोजित किए गए कार्यक्रमों के दौरान 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया गया। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से बालिकाओं को आत्मरक्षा के उपाय सिखाए गए और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।

आत्मरक्षा के प्रति किया गया जागरूक 
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया की इस सत्र में अब तक 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं और समुदाय के साथ सुरक्षा, बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, सेफ-अनसेफ टच, हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के नुकसान की जानकारी दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बालिकाओं को आत्मरक्षा के साथ-साथ उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रशिक्षण सत्र में हुई जागरूकता
विभागीय आंकड़ों के अनुसार नवरात्र के पहले दिन यानी 3 अक्टूबर को 6 लाख 72 हजार 840 बालिकाओं को जागरूक और प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद 4 अक्टूबर को 1 लाख 91 हजार 969 बालिकाओं को इस अभियान से जोड़ा गया, जबकि 5 अक्टूबर को 1 लाख 56 हजार 472 बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया। 6 अक्टूबर को 77 हजार 503, 7 अक्टूबर को 2 लाख 8 हजार 923, 8 अक्टूबर को 1 लाख 30 हजार 924, 9 अक्टूबर को 4 लाख 934 और 10 अक्टूबर को 1 लाख 10 हजार 652 बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए और उन्हें सशक्त बनने की दिशा में प्रेरित किया गया।

मिशन शक्ति कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
  • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण कौशल सिखाना है, जिससे वे अपने प्रति पूरी तरह से सशक्त हो सकें।
  • इस कार्यक्रम के माध्यम से बालिकाओं को महिला और बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी जाती है, जिससे वे अपने अधिकारों को समझ सकें।
  • बालिकाओं को सुरक्षा के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन सेवाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाती है, ताकि उन्हें किसी भी संकट की स्थिति में मदद मिल सके।
  • आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रशिक्षित बालिकाएं अन्य बालिकाओं को भी अपनी सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के बारे में जागरूक कर सकें।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा को कम करना और एक सुरक्षित माहौल तैयार करना है।
  • असुरक्षा के कारण शिक्षा से वंचित होने वाली बालिकाओं को इस पहल के माध्यम से शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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