बाघ को पकड़ने के लिए दो मचानों के नीचे पड़वा बांधा जा चुका है। इसके अलावा मीठे नगर खड़ंजा वाले रास्ते पर पिंजरा भी लगाया गया है। इसके बावजूद सफलता नहीं मिलने पर अब टीम को हाथियों के आने से सफलता मिलने की उम्मीद है। इससे पहले साल 2012 में भी रहमानखेड़ा के जंगलों में बाघ नजर आ चुका है।