बाघ ने अब तक किए आठ शिकार : सुलोचना और डायना आज से करेंगी तलाश, अब तक पांच ऑपरेशन को दे चुकी हैं अंजाम

UPT | Forest Department

Jan 04, 2025 15:17

महावत मेहताब ने बताया कि दोनों हथिनियां एक साथ कॉम्बिंग करेंगी। उनके साथ महावत और डॉक्टर मौजूद रहेंगे। बाघ की लोकेशन मिलने पर हथिनियां खड़ी हो जाएंगी ताकि डॉक्टर बाघ को ट्रैंकुलाइज कर सकें।

Lucknow News : रहमानखेड़ा और आसपास के इलाके में अब तक आठ जानवरों का शिकार कर चुके बाघ को पकड़ने में वन महकमा नाकाम साबित हुआ है। काकोरी के इस क्षेत्र में सैकड़ों पगचिह्न मिलने और लगातार बाघ की मूवमेंट से ग्रामीणों की दहशत और बढ़ गई है। उनका कहना हे कि बाघ को पकड़ने के लिए वन महकमे की पूरी टीम मौजूद है। दूसरे जिलों से भी आलाअफसर बुलाकर लगाए जा चुके हैं। मचान से निगरानी से लेकर पिंजरा लगाया गया है। पड़वा बांध गया है। इसके बाद भी बाघ गायों को निशाना बना रहा है। खेतों की ओर नहीं जाने से नुकसान बढ़ता जा रहा है। इन हालातों में डर अब और बढ़ गया है।

दुधवा की प्रशिक्षित हथिनियां ऑपरेशन में जुटीं
इस बीच दुधवा नेशनल पार्क से विशेष रूप से लाई गई हथिनियां सुलोचना और डायना छठे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार हैं। महावतों के अनुसार, 35 वर्षीय सुलोचना पहले भी कई सफल ऑपरेशनों में शामिल रही है। दोनों हथिनियां पगचिह्नों के आधार पर बाघ की लोकेशन का पता लगाकर ट्रैंकुलाइजेशन में मदद करेंगी। आज शनिवार से इनके जरिए कॉम्बिंग शुरू की जाएगी।


इस तरह काम करेंगी सुलोचना और डायना, थर्मल ड्रोन और घेराबंदी भी असफल
महावत मेहताब ने बताया कि दोनों हथिनियां एक साथ कॉम्बिंग करेंगी। उनके साथ महावत और डॉक्टर मौजूद रहेंगे। बाघ की लोकेशन मिलने पर हथिनियां खड़ी हो जाएंगी ताकि डॉक्टर बाघ को ट्रैंकुलाइज कर सकें। शुक्रवार को वन विभाग और डब्लूटीआई टीम ने बाघ की घेराबंदी की और थर्मल ड्रोन से भी निगरानी की। लेकिन, सफलता नहीं मिली। दो वनकर्मियों को रेलवे लाइन पर तैनात किया गया, जहां बाघ की मूवमेंट देखी गई थी।

बाघ ने दिया मचान टीम को चकमा
इससे पहले बाघ ने गुरुवार रात मचान से करीब 20 किलोमीटर दूर गाय का शिकार कर उसे लहसुन के खेत में घसीट दिया। शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने पगचिह्नों और घटनास्थल की जांच की। हालांकि, अधिकारियों ने इस बात की भी संभावना जताई कि यह हमला संभवतः किसी अन्य जंगली जानवर का हो सकता है। वन विभाग के अनुसार, रात में बाघ को ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइंस के विरुद्ध है। इस कारण बाघ को पकड़ने में समय लग रहा है।

ग्रामीणों में डर का माहौल
उलरापुर, दुगौली, राशूलपुर, खलिशपुर समेत कई गांवों के लोग बाघ के आतंक से परेशान हैं। किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं, और स्कूल के बच्चे झुंड में आने-जाने को मजबूर हैं। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने प्रशासन से बाघ को जल्द पकड़ने की मांग की है। बुधड़िया गांव के कुछ लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने लकड़ी काटने के दौरान बाघ को देखा था और भागकर जान बचाई। तब से वे जंगल में नहीं गए। ग्रामीणों के लिए जंगल से लकड़ी लाकर बेचना आजीविका का साधन है। लेकिन, बाघ के डर से यह काम ठप हो गया है।

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