Lucknow News : जीएसटी को लेकर कारोबारियों ने तैयार की रिपोर्ट, 20 विसंगतियों पर ठोस कदम उठाने की मांग

UPT | आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता।

Jul 09, 2024 00:59

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने व्यापारियों का फीडबैक लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें जीएसटी की 20 विसंगितयों का जिक्र किया गया है।

Short Highlights
  • संजय गुप्ता ने व्यापारियों का फीडबैक लेकर तैयार की रिपोर्ट 
  • जीएसटी की विसंगतियां दूर करने की मांग 
Lucknow News : उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने राजधानी व राज्य के अन्य जिलों से व्यापारियों का फीडबैक लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की 20 विसंगतियों का जिक्र किया गया है। संजय गुप्ता के अनुसार, जीएसटी के बीस प्रमुख बिंदु हैं, जिनसे व्यापारी वर्ग परेशान है। उनका कहना है कि अगर इन बिंदुओं में संशोधन किया जाए, तो व्यापारियों का उत्पीड़न बंद हो सकता है। गुप्ता ने जीएसटी विभाग से अपील की है कि वे व्यापारियों की मदद करें और नोटिसों के खेल को बंद करें।

रिपोर्ट में जीएसटी की विसंगतियां
  • जीएसटी की दर को घटाए जाने पर विचार किया जाए।
  • जीएसटी में वार्षिक रिटर्न भरने में त्रुटियों को सुधारने का मौका मिले।
  • व्यापारी अगर रिटर्न न भर पाए तो विलंब शुल्क की राशि निश्चित हो।
  • सीमेंट पर जीएसटी की दर कम हो।
  • एयर टिकट, होटल बिल पर भी जीएसटी का लाभ मिले।
  • जीएसटी ट्रिब्यूनल को शीघ्र क्रियाशील किया जाए।
  • समाधान योजना की सीमा 1.5 से बढ़ाकर पांच करोड़ हो।
  • भट्टा व्यवसाय अभी तक समाधान योजना से वंचित हैं, शामिल हो।
  • एक पक्षीय वाद में धारा 32 की तरह एक धारा जोड़ी जाए।
  • सीएमपी आठ में मानवीय भूलवश होने पर उसमें सुधार की गुंजाइश हो।
  • रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस भेजने का प्रविधान किया जाए।
  • आकस्मिक जैसे बीमारी व अन्य कारण से उपस्थित न होने पर समय सीमा बढ़े।
  • धारा 73 और 16-4 का  नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
  • अर्थ दंड व ब्याज जमा होने के बाद, व्यापारियों की धनराशि वापस हो।
  • फर्म बोगस या बंद पाई जाती है तो क्रेता व्यापारी को धारा 74 की नोटिस आती है जो गलत है।
  • आरआई में यदि क्रेता का बिल अपलोड न हो तो आइटीसी क्रेता व्यापारी को अनुमन्य नहीं होती। यह न्याय विरुद्ध है।
  • व्यापारी को नोटिस उसी विभाग से जाए जिसका क्षेत्राधिकार हो।
  • आयकर सीमा में नकद लेनदेन हो तो क्रय बिल के आधार पर स्वीकृत प्रमाण पत्र न मांगा जाए।
  • एसजीएसटी, सीजीएसटी, आइजीएसटी में अलग-अलग पेनाल्टी लगाई जाती है, जो न्यायसंगत नहीं है।
  • वार्षिक ब्याज की दर वर्तमान में 18 प्रतिशत हैं जो कम हो।

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