यूपी उपचुनाव : सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा, लखनऊ की सड़कों पर फिर लगा संजय निषाद का पोस्टर

UPT | संजय निषाद का पोस्टर।

Oct 28, 2024 12:27

पी की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की सरगर्मी के बीच लखनऊ में पोस्टर पर छिड़ी सियासी जंग तेज होती जा रही है। समाजवादी पार्टी और भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी ने 2027 के चुनावों को लेकर अपने-अपने दावे पेश करते हुए शहर में पोस्टर लगवाए हैं।

Lucknow News : यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की सरगर्मी के बीच लखनऊ में पोस्टर पर छिड़ी सियासी जंग तेज होती जा रही है। समाजवादी पार्टी और भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी ने 2027 के चुनावों को लेकर अपने-अपने दावे पेश करते हुए शहर में पोस्टर लगवाए हैं। निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के नए पोस्टर लखनऊ की सड़कों पर लगे हुए हैं, जो काफी चर्चा का विषय बने हैं। इस पोस्टर में लिखा है कि सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा। 

बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने लगवाए पोस्टर
यह पोस्टर निषाद पार्टी के नेता बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी की तरफ से लगाए गए हैं। इस तरह के पोस्टर मुख्‍यमंत्री आवास, राजभवन, भाजपा-सपा कार्यालय और निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष संजय निषाद के आवास के बाहर भी लगाए गए हैं। इस पोस्टर के जरिए निषाद पार्टी की ओर से निषाद वोट बैंक की ताकत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले निषाद पार्टी की ओर से एक और पोस्टर लगाया था, जिसमें संजय निषाद को सत्ताईस का खेवनहार बताया गया था।



निषाद पार्टी को उपचुनाव में नहीं मिला टिकट
माना जा रहा था कि उपचुनाव में टिकट न मिलने पर संजय निषाद नाराज हैं, लेकिन संजय निषाद ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि पार्टी और कार्यकर्ता एनडीए प्रत्याशियों का पूरा समर्थन करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता एनडीए प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे और एनडीए के प्रत्याशी सभी नौ सीटों पर जीत हासिल करेंगे।

सत्ताईस का सत्ताधीश
इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के जन्मदिन के मौके पर लखनऊ में लगाए गए पोस्टर में आगामी चुनावों में सपा की जीत और अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने का इशारा किया गया है। इनमें लिखा है, '2024 में बरसा जनता का आशीष, दीवारों पर लिखा है कौन होगा- सत्ताईस का सत्ताधीश।' यह पोस्टर सपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी जयराम पांडेय ने लगवाए हैं। इन पोस्टर के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल गरम कर दिया। पोस्टर अभी भी सपा प्रदेश कार्यालय के बाहर और उसके आसपास लगे हैं। वहीं भाजपा ने इसे लेकर सपा पर व्यंग किया था।

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